(शहजाद अली हरिद्वार)मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई होल्कर को करुणा, सेवा, त्याग और धर्मनिष्ठा की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय इतिहास में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने धर्मस्थलों के पुनर्निर्माण और सनातन संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने उस कालखंड में नारी सशक्तिकरण की जो मिसाल प्रस्तुत की, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन दर्शाता है कि सेवा, सद्भाव और नेतृत्व के माध्यम से समाज में व्यापक परिवर्तन संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। वर्षों तक उपेक्षित रहे हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित किया जा रहा है, जिससे देश की नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने का अवसर मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। केदारखंड और मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, वहीं हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू किया गया है ताकि राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को सुरक्षित रखा जा सके। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। इसके साथ ही राज्य में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून भी लागू किया गया है, जिसके चलते बीते तीन वर्षों में 23,000 से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियों में नियुक्त किया गया है।
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, महामंत्री संगठन श्री अजेय कुमार, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज सहित अनेक जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
