(शहजाद अली हरिद्वार)जयपुर। केदारनाथ के गौरीकुंड में रविवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए पायलट राजवीर सिंह चौहान का मंगलवार को जयपुर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए, लेकिन सबसे भावुक क्षण वह था जब उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान, आर्मी यूनिफॉर्म में, अपने पति की तस्वीर हाथ में लिए अंतिम सफर में सबसे आगे चल रही थीं।
राजवीर सिंह चौहान भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रह चुके थे और पिछले साल ही सेना से रिटायर होकर निजी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कार्य कर रहे थे।
उन्होंने देश की सेवा करते हुए कई साहसी मिशन पूरे किए। दुर्घटना के समय वह श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे थे। सुबह 5:20 बजे उन्होंने कंट्रोल रूम को आखिरी संदेश भेजा: “लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं”, जो उनकी अंतिम उड़ान बन गई।
राजवीर का पार्थिव शरीर सोमवार रात जयपुर लाया गया। उनके घर के बाहर श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम दर्शन के वक्त पत्नी दीपिका अपने पति के पार्थिव शरीर से लिपट कर फूट-फूट कर रो पड़ीं। उनके माता-पिता, भाई और परिवार के अन्य सदस्य भी इस असहनीय क्षति से टूट चुके हैं।
राजवीर की शादी को 14 वर्ष हो चुके थे और कुछ ही महीने पहले वे जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। इसी महीने बच्चों के जन्मोत्सव और माता-पिता की शादी की सालगिरह मनाने की तैयारी थी। लेकिन नियति ने सबकुछ छीन लिया।
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे और राजवीर के बलिदान को राष्ट्र के लिए अमूल्य बताया।
पड़ोसियों और जानने वालों के अनुसार, राजवीर एक विनम्र, प्रेरणादायक और मददगार व्यक्ति थे। वे युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे और खुद मिसाल बनते थे।
हमने न सिर्फ एक कुशल पायलट को खोया है, बल्कि एक सच्चे राष्ट्रभक्त, एक जिम्मेदार पिता, और संवेदनशील इंसान को भी खो दिया है। उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।
