(शहजाद अली हरिद्वार)पटना/रोहतास/पूर्वी चंपारण — भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां नगर निकाय चुनावों के लिए मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-वोटिंग की सुविधा शुरू की गई है। इस ऐतिहासिक पहल के जरिए वे लोग भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर पा रहे हैं, जो अब तक शारीरिक या अन्य कारणों से मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पाते थे।
📲 कैसे काम करती है यह सुविधा?
मतदाता अब मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे ही मतदान कर सकते हैं। इस तकनीक का प्रायोगिक उपयोग फिलहाल पटना, रोहतास, और पूर्वी चंपारण ज़िलों के कुछ नगर निगम क्षेत्रों में किया जा रहा है।
👥 किसके लिए है यह सुविधा?
यह सुविधा विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए है जो पारंपरिक मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच सकते:
- वरिष्ठ नागरिक
- दिव्यांगजन
- गर्भवती महिलाएं
- प्रवासी श्रमिक
- अन्य असमर्थ लोग
🔐 सुरक्षा पर खास ध्यान
चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐप में कई स्तर की सुरक्षा तकनीकों का प्रयोग किया गया है:
- फेस रिकग्निशन
- आधार से लिंक
- OTP आधारित सत्यापन प्रणाली
इन सभी उपायों से यह सुनिश्चित किया गया है कि एक मतदाता केवल एक ही बार और सुरक्षित रूप से मतदान कर सके।
🗣️ क्या बोले अधिकारी?
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल न सिर्फ तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यह लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
“ई-वोटिंग से मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा और पारदर्शिता भी बनी रहेगी। आने वाले समय में इस मॉडल को पूरे राज्य और फिर देश में लागू किया जा सकता है।”
🔎 विशेषज्ञों की राय
तकनीकी विशेषज्ञों और लोकतंत्र के पैरोकारों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश के लिए यह “डिजिटल लोकतंत्र की ओर पहला ठोस कदम” है।
📌 निष्कर्ष
बिहार की यह पहल एक मॉडल बन सकती है, जिसे अन्य राज्य भी अपना सकते हैं। तकनीक का उपयोग केवल सुविधाजनक नहीं बल्कि समावेशी भी होना चाहिए — और यह ई-वोटिंग उसी का बेहतरीन उदाहरण है।
