(शहजाद अली हरिद्वार)उत्तराखंड सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों के खिलाफ कमर कस ली है। अब राज्यभर की हर वक्फ संपत्ति की सटीक जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। यह प्रक्रिया “वक्फ उम्मीद पोर्टल” के ज़रिए की जाएगी, जिसे केंद्र सरकार ने विकसित किया है। खास बात यह है कि वक्फ संपत्तियों के वास्तविक हालात की जानकारी अब खुद मुतवल्ली, प्रशासक और केयरटेकर देंगे, जिससे लंबे समय से कब्जा जमाए बैठे लोगों की पोल खुलने वाली है।
देहरादून से शुरू हुए इस राज्यव्यापी तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स और विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने किया। इस प्रशिक्षण में बताया गया कि किस तरह हर दुकान, मकान, भूखंड और अन्य वक्फ संपत्तियों का पूरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसमें वक्फ संख्या, कब्जे की स्थिति, किरायेदार का नाम, बकाया किराया, खसरा-खतौनी की जानकारी, संपत्ति की सीमाएं और फोटो सहित पूरी जानकारी शामिल होगी।
शादाब शम्स ने साफ कहा, “केंद्र सरकार का नया वक्फ अधिनियम गरीब, विधवा और अनाथों के अधिकारों को सुरक्षित करेगा। अब जो भी लोग अवैध कब्जे में शामिल हैं, उनकी पहचान डिजिटल सिस्टम के ज़रिए सबके सामने आ जाएगी।”उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब तक जिन लोगों ने कानूनी खामियों का फायदा उठाकर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा किया था, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का रास्ता साफ हो जाएगा।
वहीं वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद सिराज उस्मान ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जैसे प्रमुख जिलों में प्रशिक्षण का काम जल्द पूरा किया जाएगा। इसके बाद राज्य की सभी वक्फ संपत्तियों की डिजिटल एंट्री सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसी भी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं बचेगी।
यह भी निर्देश दिया गया है कि जहां वक्फ कमेटियां सक्रिय नहीं हैं, वहां खादिम और केयरटेकर जिम्मेदारी से पूरी जानकारी खुद देंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी संपत्ति छूट न जाए या गलत विवरण के साथ दर्ज न हो।
इस डिजिटल प्रक्रिया से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि राज्य सरकार के पास सभी वक्फ संपत्तियों का एक केंद्रीकृत और अद्यतन रिकॉर्ड होगा। इससे किसी भी विवाद की स्थिति में तुरंत सटीक कार्रवाई संभव हो सकेगी।
इस पूरे अभियान से यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड सरकार अब वक्फ संपत्तियों को लेकर सख्त है और कब्जेदारों को किसी भी सूरत में बख्शने का इरादा नहीं रखती। आने वाले दिनों में इससे जुड़े कई बड़े खुलासे और कार्रवाई की खबरें सामने
आ सकती हैं।
