(शहजाद अली हरिद्वार) देहरादून।हरिद्वार के बहुचर्चित भूमि घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। धामी सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दो IAS और एक PCS अधिकारी समेत कुल 12 लोगों को सस्पेंड कर दिया है। वर्तमान में विजिलेंस विभाग इस घोटाले की जांच कर रहा है।हालांकि, विपक्ष सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में गंभीरता होती, तो केवल अधिकारियों को निलंबित करने से बात नहीं बनती। एफआईआर दर्ज कर सीधे कानूनी प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए थी।
प्रीतम सिंह ने मांग की है कि जांच SIT नहीं बल्कि CBI से कराई जाए ताकि जिन सफेदपोश लोगों की इसमें संलिप्तता है, उनके चेहरे भी बेनकाब हो सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीयत भ्रष्टाचार मिटाने की नहीं, बल्कि हिस्सेदारी तय करने की है।
कांग्रेस विधायक का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार पर सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है और असली दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है। विपक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार ने इस मामले में पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो वह आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा।
