(शहजाद अली हरिद्वार) उत्तराखंड। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में विभागीय अधिकारियों व विभिन्न आंगनवाड़ी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई।
सशक्त आंगनवाड़ी: सेवा, सम्मान और समर्थन की नई पहल”
बैठक का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं का समाधान करना और उनके कार्यदायित्वों को सम्मानजनक बनाने हेतु आवश्यक निर्णय लेना था।
“आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के हित में निर्णायक फैसले”
बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय को लेकर आई मांग पर यह निर्देश दिए गए कि उत्तराखंड राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय देश के सभी हिमालयी राज्यों से अधिक होना चाहिए।
“हर आंगनवाड़ी बहन को सम्मान, सुरक्षा और समय पर सुविधा”
इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा गया, जिससे हमारी आंगनवाड़ी बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।
“हिमालयी राज्य में अग्रणी बनेंगी हमारी आंगनवाड़ी बहनें”
यह भी निर्देशित किया गया कि यदि कोई अन्य विभाग आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को अपने विभागीय कार्य में लगाना चाहता है, तो उसे महिला सशक्तिकरण विभाग से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही, ऐसे कार्यों में उन्हें यात्रा एवं भोजन भत्ता दिया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में सुपरवाइजर के 50% पदों को पदोन्नति के माध्यम से नियमित रूप से भरने के निर्देश दिए गए। इससे आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे और उनका मनोबल बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त, पिछले एक वर्ष से लंबित मोबाइल रिचार्ज की धनराशि तुरंत जारी करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
सेवानिवृत्त होने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कल्याण कोष की राशि समय पर न मिल पाने की शिकायत पर भी संज्ञान लिया गया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि किसी भी कार्यकत्री के सेवानिवृत्त होने से दो माह पूर्व सभी दस्तावेजी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए, जिससे उन्हें समय पर राशि प्रदान की जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में निदेशक श्री प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्री मोहित चौधरी, राज्य नोडल अधिकारी श्रीमती आरती बलोदी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्रीमती अंजना गुप्ता, डीपीओ श्री राजीव नयन तथा विभिन्न संगठनों की आंगनवाड़ी पदाधिकारी कार्यकत्रियाँ उपस्थित रहीं।
यह बैठक आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली पहल है।
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