(शहजाद अली हरिद्वार)नई दिल्ली। हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोकसभा में 13-15 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थियों में बढ़ते तंबाकू सेवन की गंभीर समस्या उठाई। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री से पूछा कि क्या सरकार इस चुनौती से अवगत है और रोकथाम के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS-4), 2019 के अनुसार इस आयु वर्ग के लगभग 8.4% छात्र तंबाकू सेवन करते पाए गए। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं। “तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान” (TOFEI) दिशानिर्देशों को वर्ष 2019 में अद्यतन कर 2024 में मैनुअल जारी किया गया। मई 2025 में विशेष प्रवर्तन अभियान चलाकर स्कूल परिसरों के 100 गज के दायरे में तंबाकू बिक्री पर रोक और तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करने की कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और जागरूकता अभियानों के माध्यम से 69,000 से अधिक छात्रों को “तंबाकू को ना, स्वास्थ्य को हाँ” संदेश से जोड़ा गया। “स्कूल चैलेंज: तंबाकू मुक्त पीढ़ी की ओर” जैसे अभियानों के तहत रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर व नारे लेखन से विद्यार्थियों को परिवर्तन के वाहक बनाने का प्रयास हुआ। अगस्त 2025 तक 4,000 से अधिक स्कूल इसमें शामिल हो चुके हैं। आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और मेघालय ने स्थानीय स्तर पर नवीन पहलें भी की हैं।
सांसद रावत ने कहा कि बच्चों और युवाओं को तंबाकू जैसी घातक आदतों से बचाना अत्यंत जरूरी है। सरकारी प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन तभी सफलता मिलेगी जब समाज, अभिभावक और शिक्षक भी सक्रिय सहयोग देंगे।
