(शहजाद अली हरिद्वार) बहादराबाद। हरिद्वार में बहादराबाद स्थित एक फार्महाउस में रविवार को आयोजित शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के अधिवेशन में
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने घोषणा की कि आगामी कुंभ में विधिविधान के साथ रविदास समाज का विश्व का सबसे बड़ा अखाड़ा स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संत रविदास के खून का संदेश जातिवाद समाप्त करने और सभी समाजों को एक करने का है। किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति के बजाय योग्य और त्यागी व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनने का अधिकार होना चाहिए।
श्रीमहंत ने बताया कि संत बनना साधू बनने से कठिन है, क्योंकि इसके लिए ज्ञान और तपस्या के साथ घर का त्याग आवश्यक है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संत रविदास का अखाड़ा इतना विशाल होगा
कि अन्य अखाड़े एक ओर हो जाएंगे और यह अलग पहचान बनाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी के विजन की तरह उनका उद्देश्य भी अनेक जातियों में विभाजन समाप्त कर एकता स्थापित करना है।
उन्होंने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य महाराज ने अखाड़े सनातन परंपरा के पुनर्जीवन हेतु बनाए थे, और रविदास अखाड़ा उसी परंपरा को आगे बढ़ाएगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत कुमार ने कहा कि रविदास समाज सबसे बड़ा है और संत रविदासजी का योगदान अतुलनीय है। जैसे राम मंदिर की लड़ाई 500 वर्षों में जीती गई,
वैसे ही तुगलकाबाद के रविदास मंदिर का संघर्ष छह वर्षों में सफलता पा गया। उन्होंने पूरे समाज को एक मंच पर आने का आह्वान किया
ताकि ग्राम पंचायत से लेकर बड़े चुनावों तक सफलताएं हासिल की जा सकें।
प्रदेश अध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि आगामी कुंभ में शाही स्नान की व्यवस्था को लेकर संतों के साथ वार्ता की जाएगी कि यह जूना अखाड़े या निरंजनी अखाड़ा परिषद के साथ हो।
आयोजन में संत शिरोमणि गुरु रविदास महापीठ संगठन के प्रमुख पदाधिकारी, राजनेता व सामाजिक प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे,
जिनमें पूर्व मंत्री, जिलाध्यक्ष और आयोग पदाधिकारी शामिल थे। सभा में समाज में एकता और संत परंपरा को आगे बढ़ाने का संदेश दिया गया।




































