(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 21 मई — इंकलाबी मजदूर केंद्र के नेतृत्व में मंगलवार को सैकड़ों मजदूरों ने जिला कलक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन सिडकुल स्थित एक निजी कंपनी और पुलिस प्रशासन द्वारा मजदूर नेताओं पर लगाए गए कथित फर्जी मुकदमों के विरोध में आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस कार्रवाई को मजदूर आंदोलन को दबाने की साजिश करार दिया।
धरना स्थल पर जुटे मजदूरों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन नेताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि यह न केवल मजदूरों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की भी अवहेलना है।
प्रदर्शन देशभर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए आह्वान के तहत आयोजित किया गया। मजदूरों ने अपनी चार प्रमुख मांगों को जोर-शोर से उठाया—लेबर कोड्स की वापसी, ठेका प्रथा की समाप्ति, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक और ट्रेड यूनियनों पर हो रहे दमन को तत्काल बंद किया जाए।
धरने के दौरान एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। इस ज्ञापन में मांग की गई कि मजदूर नेताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और मजदूर विरोधी नीतियों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज मजदूरों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने की जरूरत है,
क्योंकि सरकारें पूंजीपतियों के हितों को प्राथमिकता दे रही हैं और श्रमिकों के हितों की लगातार अनदेखी हो रही है।
धरने में बड़ी संख्या में श्रमिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों ने भी भाग लिया और मजदूर आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट की।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा लेकिन इसके माध्यम से मजदूरों ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वे अपने हक और सम्मान की लड़ाई में पीछे हटने वाले नहीं हैं।
धरना प्रदर्शन करने वालों में इंकलाबी मजदूर केंद्र के पंकज कुमार,जय प्रकाश, अवधेश कुमार,गोविंद सिंह, ब्रिजेश
कुमार, देवेन्द्र सिंह, शिशुपाल सिंह, दिनेश कुमार, जितेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, संजीव कुमार, सतीश चन्द्र आदि मौजूद रहे
