(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 26 जुलाई 2025 – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई कांवड़ यात्रा के बाद अब हरिद्वार जनपद में स्वच्छता की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन के नेतृत्व में जनपद को स्वच्छ, सुंदर एवं गंदगी मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक बृहद स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक एवं शैक्षणिक संगठनों ने भी अपनी भागीदारी निभाई।
कांवड़ मेले के बाद शुरू हुआ स्वच्छता अभियान
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि कांवड़ मेला समाप्त होने के तत्काल बाद यानी 23 जुलाई की शाम से ही विभिन्न स्थानों पर सफाई कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। इसके लिए पूरे जनपद को 13 जोनों में विभाजित किया गया, जहां प्रत्येक जोन की निगरानी एवं संचालन का जिम्मा एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान जिला प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाएं भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल रहीं।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक दायित्व है, जिसे जन सहभागिता से ही मूर्त रूप दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि प्रत्येक नागरिक यह सुनिश्चित करे कि वह कचरा केवल निर्धारित स्थानों या डस्टबिन में ही डालेगा और कचरे का उचित निस्तारण करेगा, तो निश्चित ही हरिद्वार को स्वच्छतम नगर बनाया जा सकता है।
प्रमुखअधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
इस स्वच्छता अभियान में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं भाग लेकर लोगों को प्रेरित किया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, उपाध्यक्ष हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) अंशुल सिंह, डीएफओ वैभव सिंह, एसपी सिटी पंकज गैरोला सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने गंगा घाटों, सीसीआर परिसर, प्रमुख चौक-चौराहों और बाजार क्षेत्रों में स्वयं जाकर सफाई की और लोगों को जागरूक किया।एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस अवसर पर कहा कि गंगा मैया की सफाई केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह केवल सफाई का काम नहीं बल्कि एक सतत प्रयास है,
जिसे जनसहभागिता से ही सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह सप्ताह में एक दिन सफाई के नाम करें और आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने में योगदान दें।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुबह 8 बजे से पूरे जिले में यह स्वच्छता अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने इसे एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि यदि हर व्यक्ति स्वयं से स्वच्छता को अपनाए और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करे तो पूरे हरिद्वार को स्वच्छ बनाना कठिन नहीं होगा।
स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अपने संबोधन में साफ किया कि स्वच्छता कोई एक दिन का काम नहीं है। यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है, जिसे निरंतर जन सहभागिता के माध्यम से ही साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी स्वच्छता को अपनी आदत बना लें, तो हरिद्वार ही नहीं, पूरा उत्तराखंड स्वच्छता का मॉडल बन सकता है।उन्होंने बताया कि सफाई अभियान में जिला प्रशासन से लेकर पंचायत स्तर तक के अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय रहे। साथ ही व्यापारिक, धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक संगठनों ने भी अपनी भागीदारी से इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप दिया।
जन जागरूकता एवं प्रेरणा का माध्यम बना अभियान
यह स्वच्छता अभियान न केवल सफाई तक सीमित रहा, बल्कि इसके माध्यम से आम जनमानस को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया। जगह-जगह स्वच्छता रैलियां निकाली गईं, जागरूकता पोस्टर लगाए गए और लाउडस्पीकरों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश प्रसारित किया गया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल ने बताया कि यह केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि भावनात्मक अभियान भी है, जिसमें हर नागरिक को यह समझने की आवश्यकता है कि साफ-सफाई उसकी आत्मा की शुद्धि का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को चाहिए कि वह सप्ताह में एक दिन अपने घर, गली, मोहल्ले, मंदिर, दुकान या कार्यस्थल की सफाई हेतु समर्पित करे।
विभागीय अधिकारियों की सहभागिता
अभियान में एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, सचिव मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भण्डारी, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, खण्ड विकास अधिकारी सुमन कुटियाल जैसे विभागीय अधिकारियों ने भी भाग लिया और स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाने में अपनी भूमिका निभाई।
राजनीतिक दलों और संगठनों की भी भागीदारी
साफ-सफाई के इस अभियान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, महामंत्री आशु चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त अनेक सामाजिक संगठनों, व्यापार मंडल, स्कूल-कॉलेज के छात्र, शिक्षक, महिला समूह एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी सफाई कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
जनपद हरिद्वार: स्वच्छता का आदर्श
इस स्वच्छता अभियान ने यह साबित कर दिया है कि जब प्रशासन, समाज और नागरिक एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। हरिद्वार ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि यह न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक चेतना और जन जागरूकता का भी उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस अभियान की सफलता इस बात की ओर संकेत करती है कि यदि इसी प्रकार निरंतर जनसहभागिता बनी रही तो हरिद्वार को जल्द ही देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल हरिद्वार बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा है।
निष्कर्ष
हरिद्वार में चलाया गया यह बृहद स्वच्छता अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक जनांदोलन था, जिसने यह दिखा दिया कि “स्वच्छता ही सेवा” के मंत्र को अपनाकर हम अपने शहर, अपने प्रदेश और अपने देश को स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ बना सकते हैं। जन सहभागिता, प्रशासनिक सक्रियता और सामाजिक चेतना से परिपूर्ण यह अभियान आने वाले समय में स्वच्छ भारत मिशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
