(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। उत्तराखंड शासन ने हरिद्वार जिले को नया प्रशासनिक मुखिया सौंपते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मयूर दीक्षित को ज़िले का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने 4 जून को दोपहर करीब 1:25 बजे ज़िलाधिकारी हरिद्वार के पद का विधिवत रूप से कार्यभार ग्रहण किया।इस मौके पर ट्रेज़री कार्यालय में पारंपरिक तरीके से चार्ज सौंपा गया और हरिद्वार के जनपदीय अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।
टिहरी से हरिद्वार तक का सफर
मयूर दीक्षित इससे पूर्व टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे। साथ ही उन्होंने पुनर्वास निदेशक, टिहरी बांध परियोजना और जिला विकास प्राधिकरण, टिहरी के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाए। शासन ने उन्हें इन जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए अब हरिद्वार जैसे संवेदनशील ज़िले की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्राथमिकताएं — कानून व्यवस्था, विकास और जनसुनवाई
कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद मयूर दीक्षित ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“हरिद्वार धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। तीर्थाटन, जनसंख्या दबाव और ट्रैफिक जैसी चुनौतियों से निपटना प्राथमिकता होगी। कानून व्यवस्था, पारदर्शिता और जनहित में त्वरित निर्णय लेने पर जोर रहेगा।”
उन्होंने बताया कि सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर उन्हें गति दी जाएगी। साथ ही जनसुनवाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
संवाद और समन्वय आधारित प्रशासन पर ज़ोर
नवीन जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वे सुशासन की दिशा में संवाद और समन्वय आधारित कार्यशैली अपनाएंगे।
“प्रशासन तभी प्रभावी होता है जब जनता को समयबद्ध और संतोषजनक सेवा मिले। मेरा उद्देश्य यही रहेगा कि हर नागरिक की बात सुनी जाए और उसका शीघ्र समाधान हो।”
हरिद्वार को स्वच्छ और सुनियोजित बनाने की योजना
मयूर दीक्षित ने कहा कि नगर निकायों, पुलिस और अन्य विभागों के साथ मिलकर शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और बेहतर रूप से प्रबंधित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
एक कर्मठ और संवेदनशील प्रशासक
मयूर दीक्षित को एक निष्पक्ष, सख्त लेकिन संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाना जाता है। टिहरी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई जटिल पुनर्वास मुद्दों को सफलतापूर्वक हल किया। हरिद्वार जैसे चुनौतीपूर्ण ज़िले में उनकी नियुक्ति को शासन का एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।
उनके आगमन से हरिद्वारवासियों में प्रशासनिक सुधार और बेहतर सेवाओं की आशा जागी है।
