(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 31 जुलाई 2025 — नगर क्षेत्र विशेषकर हरकी पौड़ी और मनसा देवी मार्ग में हो रहे लगातार अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अब पूरी तरह से सख्त हो गया है। बुधवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने नगर क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किए।
निरीक्षण हरकी पौड़ी के सीसीआर से शुरू होकर मनसा देवी उड़ान खटोला तक किया गया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि सड़क किनारे बनी नालियों पर अस्थायी दुकानों का अतिक्रमण हुआ है, जिससे यातायात और श्रद्धालुओं की आवाजाही बाधित हो रही है।
इस पर डीएम ने नगर निगम और पुलिस को तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। साथ ही स्पष्ट किया गया कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अवैध दुकान या ढांचा सड़क और नालियों पर नहीं रहने दिया जाएगा।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डीएम ने मां मनसा देवी मंदिर जाने वाले सभी सीढ़ी मार्गों को अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं।
यह कदम भीड़ नियंत्रण और किसी संभावित दुर्घटना को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
हरकी पौड़ी के पास सुभाष घाट और नाई सोता घाट पर अव्यवस्थित रूप से पार्क किए जा रहे दोपहिया वाहनों को भी हटाने के निर्देश जारी किए गए।
साथ ही दुकानदारों द्वारा मनसा देवी उड़ान खटोला मार्ग पर लगाई गई त्रिपालें हटवाने को कहा गया है। झूलते विद्युत तारों को भी तुरंत दुरुस्त करने के आदेश विद्युत विभाग को दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर अवैध कब्जा है, उनकी भूमि अभिलेखों की जांच कर कार्रवाई की जाए।
साथ ही हरकी पौड़ी क्षेत्र के व्यापारियों के साथ नगर निगम, एचआरडीए और पुलिस अधिकारियों को बैठक कर समाधान निकालने को कहा गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल ने कहा कि अतिक्रमण को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अवैध रूप से संचालित दुकानों को चिन्हित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान मुख्य नगर आयुक्त नंदन सिंह, एसपी सिटी पंकज गैरोला, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार सिंह, अपर मेलाधिकारी कुंभ दयानंद सरस्वती,
उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, सीओ सिटी शिशुपाल नेगी, सीओ ट्रैफिक एसपी बलूनी, एसएचओ हरिद्वार रितेश शाह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
यह सख्त कार्रवाई प्रशासन के उस दृढ़ संकल्प को दर्शाती है जो हरिद्वार की धार्मिक गरिमा को सुरक्षित रखने और श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
