(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 16 जून — जन समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने रविवार को कलेक्टर भवन में एक विशेष जनता दरबार का आयोजन किया।
इस जनता दरबार में जिले के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के समक्ष रखीं। कुल 123 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से कई का मौके पर ही समाधान प्रारंभ कर दिया गया।
जनता दरबार में डीएम मयूर दीक्षित के साथ विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी—राजस्व, नगर निगम, विद्युत विभाग, समाज कल्याण, जल संस्थान, कृषि, सिंचाई, और पुलिस विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें और शिकायतकर्ता को समाधान की प्रगति से अवगत कराएं।
मुख्य रूप से भूमि विवाद और पेंशन की शिकायतें रहीं प्रमुख
जनता दरबार में आई शिकायतों में सबसे अधिक संख्या भूमि विवादों और पेंशन से जुड़ी समस्याओं की थी। ग्रामीण क्षेत्रों से आए कई बुजुर्गों ने वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन में देरी की शिकायत की। वहीं, कई लोगों ने भूमि पर अवैध कब्जे, पैमाइश में देरी, खतौनी में गड़बड़ी और सीमांकन जैसे मुद्दे उठाए।
डीएम दीक्षित ने राजस्व विभाग को निर्देशित किया कि भूमि विवादों के मामलों में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की जाए और जिन मामलों में प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता हो, उन्हें तत्काल उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
बिजली और पानी की समस्याएं भी रहीं अहम
गर्मियों के इस मौसम में जनता ने बिजली कटौती और पेयजल आपूर्ति की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया। कई कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों से आए लोगों ने बताया कि नलों में पानी नहीं आता या समय पर आपूर्ति नहीं होती।
इस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान और विद्युत विभाग को निर्देश दिए कि वे एक सप्ताह के भीतर सभी शिकायतों की स्थलीय जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
फील्ड निरीक्षण और फॉलोअप की चेतावनी
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी कि जनता दरबार में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों को शिकायतों की रिपोर्ट तैयार कर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जाएगी। डीएम स्वयं भी फील्ड निरीक्षण करेंगे और समाधान की वास्तविकता की पुष्टि करेंगे।
उन्होंने कहा, “प्रशासन का उद्देश्य केवल शिकायतें दर्ज करना नहीं, बल्कि उनके समाधान तक जनता को राहत पहुंचाना है। यह तभी संभव है जब अधिकारी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।”
जनता दरबार में दिखा विश्वास और संवाद का माहौल
जनता दरबार में आए लोगों ने जिलाधिकारी की संवेदनशीलता और तत्परता की सराहना की। कई मामलों में जिलाधिकारी ने स्वयं फोन पर संबंधित अधिकारियों से बात कर समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला।
कुछ मामलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे शिकायतकर्ताओं के साथ स्थलीय निरीक्षण कर पुनः रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
डीएम ने कहा कि जनता दरबार सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच संवाद का सेतु है।
उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से होते रहेंगे ताकि जनता को जिला मुख्यालय तक पहुंचने की आवश्यकता न हो और उनकी समस्याएं निचले स्तर पर ही हल हो सकें।
निष्कर्ष
हरिद्वार में आयोजित जनता दरबार ने एक बार फिर साबित किया कि जब प्रशासन सक्रिय और जवाबदेह होता है, तो जनता को राहत मिलती है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल से न केवल समस्याओं का त्वरित समाधान शुरू हुआ, बल्कि प्रशासन के प्रति जनता का भरोसा भी मजबूत हुआ है। यह दरबार लोगों को यह संदेश देने में सफल रहा कि शासन-प्रशासन उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर और संवेदनशील है।
