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“आत्मनिर्भरता की मिसाल: हरिद्वार की ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित ‘माही स्वयं सहायता समूह’ की डेयरी और मिल्क बार मॉडल का मुख्य विकास अधिकारी ने किया निरीक्षण”

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 24 जुलाई 2025: हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोंडे ने विकासखंड नारसन के सिकंदरपुर मवाल गांव में “माही स्वयं सहायता समूह” द्वारा संचालित डेयरी एवं “माही मिल्क बार” का निरीक्षण किया। यह पहल उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति की ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत संचालित की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है।मुख्य विकास अधिकारी ने श्री राधे कृष्णा सीएलएफ के अंतर्गत समूह द्वारा संचालित डेयरी यूनिट का अवलोकन करते हुए कहा कि यह कार्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

निरीक्षण के दौरान बताया गया कि पहले समूह की महिलाएं बहुत छोटे स्तर पर डेयरी कार्य करती थीं और आर्थिक रूप से असहाय थीं। लेकिन ग्रामोत्थान परियोजना की मदद और इंडियन ओवरसीज बैंक से ₹3 लाख के ऋण, स्वयं समूह के ₹1 लाख अंशदान एवं परियोजना के ₹6 लाख सहयोग से अब उनका व्यवसाय सुदृढ़ हो गया है।आज “माही स्वयं सहायता समूह” प्रतिदिन 450 लीटर दूध का उत्पादन कर रहा है, जिसमें से 350 लीटर दूध विभिन्न डेयरियों में बेचा जा रहा है और शेष 100 लीटर दूध से दही, लस्सी, पनीर, मावा जैसे उत्पाद बनाकर ‘माही मिल्क बार’ के माध्यम से प्रतिदिन ₹5,000-₹7,000 की बिक्री की जा रही है। इस व्यवसाय से समूह को प्रतिमाह ₹49,000 का शुद्ध लाभ हो रहा है। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है, बल्कि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व पोषण भी मिल रहा है।इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना, वाईपी आईटी श्री अमित सिंह, खंड विकास अधिकारी श्री सुभाष सैनी सहित परियोजना से जुड़े अन्य अधिकारीगण एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहीं।

“माही स्वयं सहायता समूह” की यह सफलता ग्रामीण विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी है।

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