(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार।हरिद्वार आरटीओ कार्यालय में वर्षों से सक्रिय दलालों के नेटवर्क पर अब बड़ी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। उपसंभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा के नेतृत्व में एक सख्त मुहिम चलाई जा रही है, जिसका मकसद है — जनता और सरकारी व्यवस्था के बीच से बिचौलियों को हटाना। आरटीओ दफ्तर में अब हर आने-जाने वाले पर सीधी नजर रखी जा रही है, और बाहर बैठकर काम कराने वाले फिक्सर अब गायब हैं।
आरटीओ परिसर में अब प्रशिक्षित सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं जो हर व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं — वह कौन है, क्यों आया है, और कागज उसके अपने हैं या किसी और के। यह कदम व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
कुछ सालों से हरिद्वार आरटीओ की छवि ‘दलाली का अड्डा’ बन चुकी थी। बिना दलाल के आम आदमी का काम नहीं होता था। कागज पूरे होने के बावजूद लोगों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे, जबकि वही काम दलाल पैसे लेकर मिनटों में निपटा देते थे। इस वजह से जनता का भरोसा टूट रहा था। लेकिन अब स्थितियाँ बदल रही हैं।
उपसंभागीय परिवहन अधिकारी निखिल शर्मा ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कोई दलाल परिसर में पाया गया, तो उसके खिलाफ सीधी एफआईआर होगी, उसकी स्थायी ब्लैकलिस्टिंग की जाएगी और भविष्य में किसी भी सरकारी प्रक्रिया में उसका प्रवेश प्रतिबंधित होगा।
यह सिर्फ आदेशों की बात नहीं, बल्कि जमीन पर उतर चुका एक्शन प्लान है। हर कोने, हर काउंटर, और हर टेबल पर निगरानी रखी जा रही है।
सुरक्षा गार्ड्स और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोका जाए।जनता का भी इस मुहिम को लेकर सकारात्मक रुख सामने आया है। वाहन पंजीकरण के लिए आए राजेश कुमार कहते हैं, “पहली बार ऐसा लग रहा है कि आरटीओ दफ्तर आम जनता का है, किसी दलाल गिरोह का नहीं।”
यह बदलाव सिर्फ एक विभाग में नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम की एक नई दिशा का संकेत बन रहा है।
