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“उत्तराखंड में ईको-टूरिज्म और वन संपदाओं के संरक्षण को नई दिशा: मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में वन्यजीव बोर्ड की अहम बैठक”

(शहजाद अली हरिद्वार) उत्तराखंड। उत्तराखण्ड सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य वन्यजीव बोर्ड की 21वीं बैठक में वन संरक्षण के साथ-साथ वन संपदाओं को स्थानीय लोगों की आजीविका से जोड़ने पर विशेष बल दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईकोलॉजी और ईकोनॉमी के बीच संतुलन बनाते हुए आगामी 10 वर्षों के लिए व्यापक योजना तैयार की जाए और वन क्षेत्रों के आस-पास ईको-टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी लाने और त्वरित मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में ₹19.55 करोड़ का मुआवजा पीड़ित परिवारों को दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए वनों की संपदा को स्थानीय आर्थिकी से जोड़ने के लिए वित्त विभाग के साथ बैठक करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में हल्द्वानी में जू एंड सफारी निर्माण कार्य में तेजी लाने, वन विश्राम भवनों के पर्यटन के अनुकूल रख-रखाव के माध्यम से राजस्व बढ़ाने, तथा चौरासी कुटिया के जीर्णोद्धार कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। साथ ही महासीर मछली के संरक्षण हेतु विशेष प्रयास करने पर बल दिया गया।

बैठक में संरक्षित क्षेत्रों व उनकी 10 किमी. परिधि में आने वाले 25 वन भूमि हस्तांतरण व अन्य प्रकरणों को मंजूरी दी गई, जिन्हें राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा। श्री रुद्रनाथ यात्रा मार्ग को ईको-डेवलपमेंट कमेटी (EDC) के माध्यम से संचालित करने तथा केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर में मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई।

वर्ष 2024 में राज्य में चार नए ईको-टूरिज्म ज़ोन की शुरुआत की गई है, जिससे स्थानीय रोजगार और पर्यावरण संरक्षण दोनों को बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायकगण, वरिष्ठ अधिकारियों में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, डीजीपी श्री दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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