लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के तमाम आरोप पर करारा पलटवार किया है। इस दौरान उन्होंने इस बिल को लेकर फैलाए जा रहे सभी भ्रम को एक-एक करके दूर भी किया। अपने संबोधन के शुरुआत में उन्होंने कहा – वक्फ के खिलाफ भ्रम फैलाया गया, कई सदस्यों के मन में वक्फ बिल पर भ्रांतियां है।
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‘वोट बैंक के लिए वक्फ बिल का विपक्ष कर रहा विरोध’
गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान कहा- वक्फ शब्द का अर्थ अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान है, वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड 1995 से है, लेकिन वोट बैंक के लिए विपक्ष वक्फ बिल का विरोध कर रहा है। गृह मंत्री ने साफ-साफ कहा कि, वक्फ बोर्ड में एक भी गैर मुस्लिम नहीं आएगा। गृह मंत्री ने आगे कहा कि- अगर 2013 में संशोधन नहीं होता तो ये बिल नहीं आता। उस दौरान संशोधन करके दिल्ली के लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं गई।
वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद करेंगे ये काम
अमित शाह ने कहा कि, वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है, वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। उन्होंने आगे बताया कि 1913 से 2013 तक वक्फ के पास 18 लाख एकड़ जमीन थी। 2013 से 2025 के बीच 21 लाख एकड़ भूमि बढ़ गई। अब 39 लाख एकड़ भूमि है। कई संपत्तियां बेच दी गईं, लेकिन किसकी इजाजत से?
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बिल का फायदा अगले चार साल में दिखने लगेगा- शाह
गृह मंत्री ने कहा- वक्फ बिल वक्फ की जमीन के रख-रखाव के लिए है। अगले चार साल सभी मुस्लिम समझ जाएंगे इस बिल का क्या फायदा होगा। लेकिन विपक्ष इस बिल को लेकर अफवाह फैला रहा है। इस बिल को लेकर मुस्लिम भाइयों डराया जा रहा है। इस दौरान फिर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- अपनी संपत्ति का दान किया जाता है, सरकारी जमीन का नहीं, मंदिर या मस्जिद और चर्च सरकारी जमीन पर नहीं बन सकते हैं।
