(शहजाद अली हरिद्वार)भाजपा के रानीपुर विधायक आदेश चौहान को कथित मारपीट और प्रताड़ना मामले में छह माह की सजा सुनाई गई है। इसके बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या उनकी विधायकी खतरे में है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं की माने तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत केवल दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर ही किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होती है। ऐसे में छह माह की सजा का उनकी विधायकी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि आदेश चौहान की सजा दो साल से कम है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता सुरक्षित है। वहीं अधिवक्ता भारत तनेजा ने कहा कि विधायक इस सजा के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपील कर सकते हैं और उन्हें राहत मिलने की पूरी संभावना है।
स्वयं विधायक आदेश चौहान ने कहा कि वे न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं और अपील करेंगे। उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। यह मामला उनके भतीजी दीपिका के पति द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़ा है, जिसमें पुलिस पर विधायक के दबाव में प्रताड़ना करने का आरोप था। जांच के बाद CBI ने चार्जशीट दाखिल की और सजा सुनाई गई।
सजा की खबर से भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी थीं, लेकिन कानूनी स्थिति स्पष्ट होने के बाद उनकी उम्मीदों पर विराम लग गया।
