न्यूज़ फ्लैश
बहादराबाद पाल मोहल्ले में श्रीकृष्ण भगवान की छठी धूमधाम से मनाई गई, अभिषेक प्रताप पाल धनगर ने की आरती व प्रसाद वितरण “कलयुगी फूफा ने किया फूफा-भतीजी के रिश्ते को किया शर्मसार”साले की नाबालिग लड़की को बनाया हवस का शिकार”24 घण्टे के अन्दर आरोपी को दबोच लाई हरिद्वार पुलिस” हरिद्वार में शराब बनी खूनी विवाद की वजह: गुस्से में बाप ने बेटे को नुकीले हथियार से उतारा मौत के घाट, वारदात के बाद आरोपी फरार – पुलिस ने छेड़ा सर्च ऑपरेशन, गांव में सनसनी बहादराबाद टोल प्लाजा पर हंगामेदार नजारा: अचानक आमने-सामने आए बाबा रामदेव और राकेश टिकैत, लाठीचार्ज में घायल किसान का जाना कुशलक्षेम जितेन्द्र आत्महत्या कांड पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का सख्त रुख – दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय एसएसपी डोबाल की अपराध समीक्षा बैठक में लापरवाह थानेदारों पर गिरी गाज। लंबित विवेचनाओं के जल्द निस्तारण और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश। ऑपरेशन कालनेमी, महिला शव शिनाख्त अभियान और उर्स मेले की सुरक्षा पर खास फोकस।
Home » पत्र » “रवि बहादुर की मुख्यमंत्री को चिट्ठी: खेल परिसरों के नाम बदलने पर जनभावनाओं की रक्षा की मांग”

“रवि बहादुर की मुख्यमंत्री को चिट्ठी: खेल परिसरों के नाम बदलने पर जनभावनाओं की रक्षा की मांग”

(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार।उत्तराखंड में खेल परिसरों के नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक इंजीनियर रवि बहादुर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। उन्होंने मांग की है कि राज्य के प्रमुख खेल परिसरों के नाम यथावत रखे जाएं, क्योंकि ये न केवल खिलाड़ियों की उपलब्धियों से जुड़े हैं, बल्कि राज्य की जनता की भावनाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।विधायक ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि सरकार द्वारा खेल परिसरों को नए नाम दिए जा रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है। हालांकि खेल विभाग का कहना है कि केवल सम्पूर्ण खेल परिसर को विशेष नाम दिया गया है, परंतु विधायक ने इसे भी जनभावनाओं के खिलाफ बताया है।

उन्होंने राज्य के प्रमुख खेल परिसरों के उदाहरण देते हुए कहा कि देहरादून का महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, हल्द्वानी का इंदिरा गांधी हॉकी ग्राउंड, रुद्रपुर का मनोज सरकार स्टेडियम और हरिद्वार का वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। विशेष रूप से वंदना कटारिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह एक दलित महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है और समाज के लिए प्रेरणा बनी हैं।

पत्र के अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि इन परिसरों के नामों को बिना किसी बदलाव के यथावत रखा जाए और जनभावनाओं का सम्मान किया जाए। यह मुद्दा अब राज्य की राजनीति और खेलजगत में चर्चा का विषय बन गया है, जहां जनप्रतिनिधि और जनता राज्य की गौरवशाली विरासत को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।

132 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

एसएसपी डोबाल की अपराध समीक्षा बैठक में लापरवाह थानेदारों पर गिरी गाज। लंबित विवेचनाओं के जल्द निस्तारण और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश। ऑपरेशन कालनेमी, महिला शव शिनाख्त अभियान और उर्स मेले की सुरक्षा पर खास फोकस।