(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, श्रावण शिवरात्रि 2025।श्रावण मास की शिवरात्रि पर हरिद्वार का माहौल पूरी तरह से शिवमय हो गया है। हर दिशा से सिर्फ एक ही स्वर गूंज रहा है – बम बम भोले, जय शिवशंकर, हर हर महादेव! श्रद्धा, आस्था और भक्ति से परिपूर्ण वातावरण में हजारों की संख्या में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए हरिद्वार के मंदिरों में उमड़ पड़े हैं।
विशेष रूप से भगवान शिव की ससुराल कहे जाने वाले कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक है।
देर रात से ही इस ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिर में शिवभक्तों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। हर कोई बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनके चरणों में पहुंचा।
कुछ भक्तों ने तो पूरी रात मंदिर परिसर में ही बिताई, ताकि भोर होते ही प्रथम जलाभिषेक उन्हें प्राप्त हो। मंदिर में आए श्रद्धालुओं में महिलाएं, बुजुर्ग, युवा और बच्चे सभी शामिल थे, जो बड़ी श्रद्धा से भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, दूध और जल अर्पित कर रहे थे।
दक्षेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत विशिष्ट है। मान्यता है कि दक्ष प्रजापति का यह स्थल भगवान शिव की ससुराल है। कहा जाता है कि श्रावण मास में शिव स्वयं अपनी ससुराल कनखल में निवास करते हैं।
इसलिए इस माह में विशेषकर शिवरात्रि के दिन यहां पूजा करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यही कारण है कि देशभर से श्रद्धालु विशेष रूप से यहां दर्शन और पूजा करने के लिए पहुंचते हैं।
पूरे हरिद्वार में शिवालयों का दृश्य अलौकिक और अद्भुत दिखाई दे रहा है। हर महादेव मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ लगातार बनी हुई है। मंदिरों में भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और घंटियों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है।
भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हरिद्वार पुलिस और प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं। पुलिस बल के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मी, होमगार्ड और सिविल डिफेंस की टीमें भी तैनात की गई हैं। मंदिर परिसर और प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, बैरिकेडिंग और चिकित्सा सहायता केंद्रों की व्यवस्था भी की गई है।सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सफाई और मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। नगर निगम द्वारा मंदिरों के आसपास विशेष सफाई अभियान चलाया गया है
और जल वितरण की समुचित व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं।
श्रावण मास की यह पावन शिवरात्रि केवल पूजा-पाठ और भक्ति का पर्व नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण बन गई है।
भक्तों की आंखों में आस्था की चमक और उनके मुख से निकले ‘जय भोलेनाथ’ के उद्घोष ने यह सिद्ध कर दिया है कि भक्ति में जो सच्चाई और विश्वास है, वह हर कठिनाई को भी सहज बना देती है।
दक्षेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा यह आस्था का महासागर आने वाले दिनों में भी लोगों को श्रद्धा, शांति और शिव भक्ति की राह दिखाता रहेगा। इस पावन पर्व पर हर शिवभक्त की यही प्रार्थना है
—
“हे भोलेनाथ, हम सभी पर कृपा बनाए रखना, हमारे जीवन को भी उतना ही शांत, सरल और शुभ बना देना जितना आपका स्वरूप है।”
