(शहजाद अली हरिद्वार)काशीपुर की मंडी में व्याप्त भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ होते ही कार्रवाई का दौर तेज हो गया है। मंडी सचिव पूरन सिंह सैनी को विजिलेंस टीम ने ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के बाद अब उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। बताया गया कि पूरन सिंह सैनी फल मंडी में लाइसेंस जारी करने के एवज में यह रिश्वत मांग रहे थे।
इस पूरे मामले की शुरुआत शिकायतकर्ताओं शफायत और शकील अहमद की सूचना से हुई, जिन्होंने विजिलेंस टीम को मंडी सचिव की ओर से मांगी जा रही घूस की जानकारी दी।
इस सूचना के आधार पर हल्द्वानी से आई विजिलेंस टीम ने योजना बनाकर मंडी सचिव को उनके ही कार्यालय में रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। गिरफ्तारी की खबर लगते ही मंडी परिसर में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद व्यापारी और कर्मचारी स्तब्ध रह गए।
गिरफ्तारी के बाद पूरन सिंह सैनी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि अब तक विजिलेंस विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है,
लेकिन सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान कुछ और अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं। इससे अंदेशा है कि आने वाले दिनों में मंडी प्रशासन से जुड़े और लोगों पर गाज गिर सकती है।
इस कार्रवाई ने न सिर्फ मंडी में कार्यरत अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि व्यापारी वर्ग के बीच भी चिंता और आक्रोश का माहौल है। व्यापारी अब यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या मंडी में वर्षों से चल रहा भ्रष्टाचार का यह सिलसिला यहीं थमेगा या इसकी जड़ें और गहरी हैं।
फिलहाल सभी की निगाहें विजिलेंस टीम की आगे की जांच और संभावित खुलासों पर टिकी हैं।
काशीपुर मंडी का यह मामला यह संदेश दे गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ अब कानून सख्ती से पेश आ रहा है।
