(शहजाद अली हरिद्वार)पिरान कलियर (हरिद्वार):गर्मियों में राहत की तलाश, एक बार फिर मौत की वजह बन गई। विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत साबिर पाक में ज़ियारत के लिए आए एक परिवार पर उस वक्त कहर टूट पड़ा जब गंगनहर में नहाने उतरे पिता और उनके दो मासूम बच्चे तेज बहाव में बह गए।यह हृदयविदारक घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के हरतला मोहल्ले के एक परिवार के साथ घटी। ज़ियारत के बाद पिता अपने 15 वर्षीय बेटे और 10 वर्षीय बेटी के साथ नहर में नहाने पहुंचे थे। तेज बहाव और गहराई का अंदाजा न होने की वजह से तीनों नहर में समा गए। स्थानीय लोग और पुलिस लगातार तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला।
कई चेतावनियां, फिर भी जानलेवा लापरवाही!
प्रशासन की ओर से गंगनहर के दोनों किनारों पर पाइपलाइन लगाई गई हैं, चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, और माइक से लगातार अनाउंसमेंट होती रहती है कि लोग सतर्क रहें और नहर में गहराई तक न जाएं। इसके बावजूद कुछ लोग जानबूझकर इन निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई युवक, विशेषकर लड़कियों के सामने दिखावे के लिए, जानबूझकर खतरे उठाते हैं। यह दुस्साहस न केवल उनकी जान के लिए खतरा बनता है, बल्कि दूसरों को भी मौत की दहलीज तक पहुंचा सकता है।
क्या अब भी कोई सबक लेगा?
इस घटना ने फिर एक बार सवाल खड़ा कर दिया है:
जब चेतावनियां दी जा रही हैं, तो मौत का जिम्मेदार कौन है?
क्या सिर्फ प्रशासन दोषी है, या आम नागरिकों को भी अब अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए?
स्थानीय लोगों की मांगें:
स्थायी पुलिस या होमगार्ड की तैनाती नहर किनारे
CCTV कैमरों की संख्या में इजाफा और लाइव निगरानी
नियम तोड़ने वालों पर सख्त जुर्माना
स्कूलों और कॉलेजों में जल-सुरक्षा पर जागरूकता अभियान
जायरीन से भावुक अपील:
कुछ मिनट की लापरवाही, ज़िंदगी भर का पछतावा बन सकती है।
प्रशासन और स्थानीय समाज दोनों ही जायरीन से हाथ जोड़कर अपील करते हैं — कृपया अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। ज़ियारत का सफर तब ही मुकम्मल होता है जब आप सही-सलामत घर लौटें।
