(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गढ़ी कैंट में आयोजित “विकसित भारत @2047 सामूहिक संवाद – पूर्व सैनिकों के साथ” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य पूर्व सैनिकों के अनुभवों और सुझावों के आधार पर राज्य के समग्र विकास को नई दिशा देना रहा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूर्व सैनिक न केवल देश के रक्षक हैं, बल्कि सामाजिक चेतना और राष्ट्र निर्माण में भी उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने पूर्व सैनिकों से संवाद करते हुए राज्य की प्रमुख नीतियों और योजनाओं की जानकारी दी और उनके अमूल्य सुझावों को सुना।
मुख्यमंत्री ने जबरन धर्मान्तरण और जनसांख्यिकीय असंतुलन (Demographic Change) को राज्य के लिए गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि, “हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून, भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़े कदम, और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे साहसिक निर्णय लिए हैं, लेकिन इन प्रयासों की सफलता जनसहयोग और जागरूकता पर निर्भर है।”
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को हर डिवीजन में 1000 पेड़ लगाने के निर्देशों की जानकारी दी और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान में सभी को भागीदारी निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “पूर्व सैनिक राष्ट्र के प्रहरी ही नहीं, पर्यावरण के भी संरक्षक हैं।”
मुख्यमंत्री ने राज्य में तीव्र गति से हो रहे पर्यटन विकास की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि पिछले दो माह में राज्य में 38 लाख से अधिक पर्यटक आए। शीतकालीन यात्रा और आदि कैलाश यात्रा को भी नई गति मिली है।
उन्होंने बताया कि राज्य की बेरोजगारी दर घटकर 4.2% से भी कम हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इसके साथ ही मानसरोवर यात्रा का समय भी 7 दिन कम कर दिया गया है।मुख्यमंत्री ने सैनिकों के योगदान को नमन करते हुए कहा कि “मैं स्वयं एक फौजी का बेटा हूं” इसलिए पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की पीड़ा, चुनौतियों और आवश्यकताओं को नजदीक से जानता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों में यह संवेदनशीलता स्पष्ट दिखती है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, ले. ज. (से नि.) ए.के. सिंह, मे. ज. (से नि.) के.एस. राणा, कैप्टन बीरेंद्र सिंह राणा, ब्रिगेडियर नितेश बिष्ट सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
कार्यक्रम ने भावनात्मक जुड़ाव, नीति संवाद और भविष्य की दिशा पर सार्थक विमर्श का अवसर प्रदान किया।
