(शहजाद अली हरिद्वार)बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में न्याय की उम्मीद रखने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने), और 354 (शीलभंग) के तहत आरोपियों को दोषी माना है। अभियोजन पक्ष की ओर से एसआईटी जांच के आधार पर अदालत में 500 पृष्ठों की चार्जशीट दाखिल की गई थी। विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देते हुए 19 मई को अंतिम बहस समाप्त की थी। इसके बाद अदालत ने 30 मई 2025 को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की थी।
फैसले के दिन अदालत परिसर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल की सहायता से सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स को कोटद्वार बुलाया गया था और अदालत परिसर के बाहर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
यह मामला सितंबर 2022 में सामने आया था जब 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। आरोपियों पर अंकिता पर अवैध कार्यों का दबाव डालने और विरोध करने पर उसकी हत्या करने का आरोप था। यह घटना सामने आने के बाद उत्तराखंड में भारी जनआक्रोश देखा गया था, जिसने प्रशासन और न्यायिक प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए थे।
कोर्ट के इस फैसले को जनता ने राहत की भावना से स्वीकार किया है। हालांकि, अब भी मांग की जा रही है कि इस मामले में और कड़े कानूनों की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों। अंकिता को मिला यह न्याय देश में महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
