(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 03 अगस्त 2025 – उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू किए गए “ड्रग्स-फ्री देवभूमि मिशन 2025” को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने हेतु हरिद्वार पुलिस द्वारा लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के निर्देशन में थाना पिरान कलियर क्षेत्र में “ऑपरेशन नई किरण” के तहत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया,
जिसका उद्देश्य नशे के खिलाफ समाज को जागरूक करना और मेडिकल स्टोर संचालकों की जिम्मेदारी को रेखांकित करना था।
नगर पंचायत कलियर, धनौरी, ईमलीखेड़ा तथा आसपास के क्षेत्रों के समस्त मेडिकल स्टोर संचालकों के साथ यह बैठक चौकी धनौरी परिसर में संपन्न हुई।
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में ड्रग्स और नशीली दवाओं का बढ़ता दुरुपयोग विशेषकर युवाओं के बीच एक गम्भीर सामाजिक चुनौती बन चुका है।
नशा केवल व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को विनाश की ओर ले जाता है। इस संकट से निपटने के लिए पुलिस और मेडिकल क्षेत्र के लोगों का संयुक्त प्रयास अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक बिना वैध चिकित्सकीय परामर्श के किसी भी प्रकार की नशीली दवा या इंजेक्शन न बेचे।
नियमों के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित संचालक के विरुद्ध NDPS एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्हें यह भी निर्देशित किया गया कि यदि कोई युवा या संदिग्ध व्यक्ति बार-बार नशीली दवाओं की मांग करता है, तो उसकी जानकारी तुरंत पुलिस को उपलब्ध कराई जाए, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने सभी मेडिकल स्टोर पर CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाने का भी निर्देश दिया। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखना, संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करना तथा किसी भी आपराधिक गतिविधि की पहचान में सहयोग प्रदान करना है।
इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई नहीं, बल्कि निवारक उपायों के माध्यम से समाज को नशा मुक्त बनाना है। “ऑपरेशन नई किरण” जैसे प्रयासों से पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मेडिकल क्षेत्र के लोग अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं और नशे के खिलाफ इस सामूहिक लड़ाई में सक्रिय भागीदार बनें।
हरिद्वार पुलिस द्वारा आयोजित यह बैठक न केवल एक संवाद मंच साबित हुई, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मिशन 2025 की सफलता के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता और सहयोग सबसे आवश्यक तत्व हैं। पुलिस प्रशासन की यह पहल निश्चित ही समाज को एक नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी।
