(शहजाद अली हरिद्वार)उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल! पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED), देहरादून ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा, बिरेंद्र सिंह कंडारी और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल की है।
ईडी की जांच एक एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें ज़मीन हड़पने और धोखाधड़ी के आरोप थे। जांच में सामने आया कि हरक सिंह और उनके सहयोगियों ने साजिश के तहत बहुमूल्य ज़मीनें बेहद सस्ते दामों में खरीदीं और ट्रस्ट के नाम कर दीं। यह ज़मीनें अब ‘दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ का हिस्सा हैं।
गौरतलब है कि ईडी ने जनवरी 2025 में 101 बीघा जमीन को ₹6.56 करोड़ के मूल्य पर अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी बाजार कीमत ₹70 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। अब मामले में कोर्ट की कार्रवाई तेज़ होने की संभावना है।
