(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून। उत्तराखण्ड को फिल्म निर्माण के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में सहस्त्रधारा रोड स्थित एक होटल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC) और उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद (UFDC) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई। कार्यशाला का विषय “उत्तराखण्ड में फिल्मिंग इकोसिस्टम का विकास” था।
कार्यशाला का उद्घाटन यूएफडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की फिल्म निदेशक शिल्पा राव और एनएफडीसी के महाप्रबंधक अजय धोके ने दीप प्रज्वलन कर किया।
इस अवसर पर फिल्म निर्माता, नीतिगत विशेषज्ञ, अधिकारी और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड को फिल्म हब बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने, सिनेमा हॉल निर्माण हेतु सब्सिडी और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसे प्रावधानों की जानकारी दी।
शिल्पा राव ने इंडियन सिने हब पोर्टल और वेव्स बाजार डॉट कॉम जैसे प्लेटफार्मों की जानकारी दी, जो फिल्म निर्माताओं के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं। डॉ. नितिन उपाध्याय ने उत्तराखण्ड की नवाचारपूर्ण फिल्म नीति पर प्रकाश डालते हुए “प्रतिभा, प्रशिक्षण और तकनीक” को इसका आधार बताया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों के सवालों का समाधान भी अधिकारियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और राज्य में फिल्म निर्माण को गति देने हेतु व्यापक चर्चा हुई।
