(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्त कार्यशैली एक बार फिर जनता के पक्ष में सामने आई है। पति की मृत्यु के बाद एक वर्ष से न्याय की गुहार लगा रही विधवा महिला शिवानी गुप्ता को आखिरकार राहत मिली। डीएम के निर्देश पर डीसीबी बैंक की शाखा को सील करने की कार्रवाई के बाद बैंक अधिकारियों को झुकना पड़ा और उन्होंने महिला को घर जाकर संपत्ति के कागजात लौटाते हुए 15.50 लाख रुपये का ऋण शून्य कर ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ भी सौंपा।
शिवानी गुप्ता, निवासी अमर भारती, चंद्रबनी ने जिलाधिकारी के जनता दर्शन कार्यक्रम में अपनी फरियाद रखते हुए बताया कि उनके पति स्व. रोहित ने डीसीबी बैंक से 15.50 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसकी बीमा पॉलिसी आईसीआई लोम्बार्ड कंपनी से करवाई गई थी। 15 मई 2024 को उनके पति का आकस्मिक निधन हो गया, लेकिन बीमा कंपनी और बैंक लगातार टालमटोल कर रहे थे। शिवानी के अनुसार, बैंक किस्त का दबाव बना रहा था जबकि बीमा दावा प्रक्रिया अधर में थी।
जिलाधिकारी ने तत्काल इस मामले को गंभीरता से लिया और संबंधित बैंक प्रबंधक को तलब कर उचित समाधान के निर्देश दिए। कार्रवाई न होने पर 9 जून को बैंक के विरुद्ध ₹17,05,000 की आरसी जारी कर 16 जून तक जमा करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद भी जब बैंक प्रबंधन निष्क्रिय रहा, तो प्रशासन ने 18 जून को डीसीबी बैंक की देहरादून क्रॉस मॉल स्थित शाखा को सील कर उसकी चल संपत्ति कुर्क कर दी।
डीएम के इस कड़े रुख और एसडीएम कुमकुम की निगरानी में हुई त्वरित कार्रवाई से बैंक को पीछे हटना पड़ा। अंततः बैंक प्रतिनिधियों ने शिवानी गुप्ता के घर पहुंचकर उनके नाम की संपत्ति के कागज लौटाए और ऋण को शून्य करते हुए नो ड्यूज सर्टिफिकेट सौंपा।
जिला प्रशासन की इस कार्यशैली की सराहना की जा रही है। डीएम सविन बंसल द्वारा जनहित में उठाए जा रहे त्वरित और प्रभावी कदम न केवल फरियादियों को न्याय दिला रहे हैं, बल्कि लापरवाह विभागों और संस्थाओं के लिए एक स्पष्ट संदेश भी दे रहे हैं कि जनहित से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
