(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। तीर्थ सेवा न्यास के तत्वावधान में विश्व सनातन महापीठ की ऐतिहासिक स्थापना की घोषणा एवं शिला पूजन समारोह 21 नवम्बर 2025 को होने जा रहा है। इसके संबंध में न्यास के संरक्षक एवं परमाध्यक्ष बाबा हठयोगी जी महाराज तथा अध्यक्ष तीर्थाचार्य राम विशाल दास महाराज पत्रकार वार्ता कर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
पत्रकार वार्ता में बताया जाएगा कि विश्व सनातन महापीठ का निर्माण 100 एकड़ भूमि पर लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह प्रकल्प विश्व-स्तरीय आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। इसमें विश्व का प्रथम सनातन संसद भवन,चारों शंकराचार्य पीठों के प्रेरणा-परिसर
तेरह अखाड़ों के उद्देश्य-परिसर,वेद मंदिर एवं वेद स्वाध्याय केन्द्र,अद्वितीय आवासीय गुरुकुल,108 संत आवास,1008 भक्त आवास,108 प्रमुख तीर्थों के दर्शन हेतु परिक्रमा पथ,सनातन टाइम म्यूजियम
ऑडिटोरियम,स्वरोजगार एवं शस्त्र प्रशिक्षण केंद्र
देशी गौ संरक्षण केंद्र,धर्म सभा हॉल। इन सभी प्रकल्पों का उद्देश्य—सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण, संरक्षण, अध्यात्म, शिक्षा, राष्ट्रनिर्माण और वैदिक परंपरा को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है। उद्घोषणा एवं शिला-पूजन समारोह में देश और विदेश के प्रतिष्ठित संत, कथावाचक, उद्योगपति, जनप्रतिनिधि तथा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। मुख्य रूप से उपस्थित होने वाले व्यक्तित्व में प्रसिद्ध कथावाचक डॉ. अनिरुद्धाचार्य जी,धर्म रत्न देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज,स्वामी ब्रह्मेशानन्द जी महाराज, गोवा
संजय आर्य शास्त्री, अमेरिकास्वामी दिनेश्वरानंद जी, नीदरलैंड्स,श्री राज राजेश्वर गुरुजी, ऑस्ट्रेलिया करौली शंकर महादेव (कानपुर),पाण्डोखर सरकार (मध्य प्रदेश)
,अविचल दास जी महाराज, गुजरात इसके अलावा काशी, वृंदावन, अयोध्या, पंजाब, हरिद्वार सहित देशभर से हजारों संत-महापुरुष इस दिव्य आयोजन में पधार रहे हैं। इस महापीठ की स्थापना से संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म के पुनर्जागरण, समन्वय, आध्यात्मिक नेतृत्व तथा वैश्विक सांस्कृतिक एकता का मार्ग प्रशस्त होगा। यह प्रकल्प आने वाली पीढ़ियों के लिए सनातन संस्कृति का जीवंत केंद्र होगा। बैठक में उपस्थित पदाधिकारी
बैठक दौरान उपाध्यक्ष डॉ. गौतम खट्टर, राष्ट्रीय समन्वयक शिशिर चौधरी, कोषाध्यक्ष अमरीश त्यागी, तथा शुभम मालिक, अमित त्यागी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे




































