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डीएम प्रशांत आर्य ने प्रशिक्षु आईएएस संग किया संवाद: कहा– सस्टेनेबल डेवलेपमेंट अब लक्ष्य नहीं, प्रशासनिक सोच का अहम हिस्सा, नवाचार और जनसहभागिता से होगा विकास का नया अध्याय!

(शहजाद अली हरिद्वार)उत्तरकाशी । जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के साथ संवाद किया। सोमवार को जिला मुख्यालय में आयोजित संवाद सत्र कार्यक्रम में सतत विकास एवं नीतिगत निर्माण से संबंधित विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। तथा प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए।जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सस्टेनेबल डेवलेपमेंट सिर्फ एक लक्ष्य नहीं,बल्कि प्रशासनिक निर्णयों का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि विकास की किसी भी प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण को समाविष्ट करना अनिवार्य है। जिलाधिकारी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे जल संरक्षण,हरित ऊर्जा,महिला सशक्तिकरण,शिक्षा,कृषि,बागवानी,पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं के सतत विकास में योगदान पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशिक्षुओं को नीति निर्माण की जमीनी चुनौतियों एवं उसके समाधान से भी अवगत कराया।सीमांत वाइब्रेट विलेज के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के बाद वापस लौटे 42 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी इस अवसर पर विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए। जिलाधिकारी ने उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्हें प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन में नवाचार और जनसहभागिता को प्राथमिकता देने की सलाह दी।जिलाधिकारी ने प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप आने वाले समय में न केवल बेहतर प्रशासक बनें,बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले प्रेरक बनें। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने जिलाधिकारी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर एडीएम मुक्ता मिश्र,डीसी आईटीबीपी प्रकाश सिंह,डॉ.अक्षय,आपदा समन्वयक जय पंवार सहित अन्य अधिकारी एवं प्रशिक्षु आईएएस उपस्थित रहे।

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