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“बीआरपी-सीआरपी बने शिक्षा सुधार के नए सेतु, मंत्री धन सिंह रावत बोले– निष्ठा से निभाएं दायित्व, विद्यार्थियों तक सीधे पहुँची गणवेश की धनराशि”

(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून । समग्र शिक्षा परियोजना के अंतर्गत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन एवं कलस्टर रिसोर्स पर्सन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। आने वाले समय में बीआरपी व सीआरपी जहां विद्यालय और विभाग के बीच सेतु का काम करेंगे, वहीं दूसरी ओर शिक्षा को रोचक बनाने में भी अपना योगदान देंगे। जिससे शिक्षा व्यवस्था में निश्चित रूप से सुधार आयेगा।सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज एससीईआरटी सभागार में बीआरपी-सीआरपी अभिमुखीकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समग्र शिक्षा के अंतर्गत वर्षों से रिक्त चल रहे सीआरपी-बीआरपी के 955 पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती की गई है, जिसके लिये विभाग के साथ ही शासन स्तर पर लम्बी कसरत की गई। उन्होंने बताया कि बीआरपी-सीआरपी की भर्ती रोजगार प्रयाग पोर्टल के माध्यम से की गई है। जिसके तहत पहले अभ्यर्थियों का चयन रेण्डमाइजेशन प्रक्रिया से किया जाना था जिसमें इस बात की संभावना थी कि अधिकतम अंकों के साथ ही कम से कम अंक वाले अभ्यर्थियों का भी चयन हो सकता था। इसी बात को ध्यान में रखते हुये निर्णय लिया गया कि अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना चाहिये, जिसके लिये सेवा योजना विभाग के शासनादेश में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया। कैबिनेट की अनुमति के उपरांत मैरिट के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिसमें नियमानुसार आरक्षण भी लागू किया गया। डॉ. रावत ने बताया कि इस प्रक्रिया में समय अधिक जरूर लगा लेकिन विभाग को मेरिट के आधार पर श्रेष्ठ अभ्यर्थी मिले हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी चयनित अभ्यर्थी शिक्षा की बेहतरी के लिये अपना विशेष योगदान देने के साथ ही अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन निष्ठापूर्वक करेंगे।

प्रशिक्षण के प्रथम दिन एससीईआरटी की निदेशक वंदना गर्ब्याल ने बीआरपी के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को स्कूली शिक्षा के तहत विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी देते हुये उन्हें बेहतरी से अपने कार्यों के सम्पादन के गुर बताये। जबकि समग्र शिक्षा के एपीडी कुलदीप गैरोला ने बताया कि मुख्य रूप से बीआरपी को प्रमुख रूप से स्कूल, टीचर्स और स्टूडेंट को अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करना है, जिसके संबंध में विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी जायेगी। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिये विभागीय डॉ. रावत के प्रयासों की जमकर प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके मार्गदर्शन के बिना यह भर्ती प्रक्रिया संभव नहीं थी। उन्होंने बताया कि प्रथम तीन बीआरपी की कार्यशाला आयोजित की जा रही है जबकि अगले पांच दिन सीआरपी की कार्यशाला चलाई जायेगी। कार्यशाला को अपर निदेशक एससीईआरटी पदमेन्द्र सकलानी, उप परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अजीत भण्डारी व बी.पी. मंदोली ने भी सम्बोधित किया। प्रशिक्षण के दौरान आउटसोर्स एजेंसी अलंकित के स्टेट हेड मोहर सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री ने डीबीटी के जरिए छात्रों को भेजी गणवेश की धनराशि

एससीईआरटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समग्र शिक्षा के तहत प्रदेशभर के 516569 छात्र-छात्राओं को गणवेश की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई। अधिकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये एक क्लिक के साथ ही यह राशि छात्र-छात्राओं के खातों में ट्रॉसफर हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्र-छात्राओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये ठोस कदम उठा रही है। निःशुल्क गणवेश योजना से न केवल अभिभावकों का अर्थिक बोझ कम होगा बल्कि बच्चों को शिक्षा के प्रति भी प्रोत्साहित करेगा।

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