(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 10 सितंबर 2025।जनपद हरिद्वार में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और कमजोर वर्ग के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला सलाहकार समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोण्डे ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे बेरोजगार युवाओं, किसानों तथा कमजोर वर्ग के लोगों को स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
सीडीओ ने बैंक प्रबंधकों को चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा कि यदि बिना उचित कारण के ऋण आवेदनों को निरस्त किया गया, तो संबंधित शाखा प्रबंधक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्वरोजगार योजनाएँ सरकार की प्राथमिकता में हैं और इन योजनाओं का सीधा लाभ उन लोगों तक पहुँचना चाहिए, जिन्हें वाकई इसकी आवश्यकता है।
बेरोजगार युवाओं और किसानों पर विशेष फोकस
बैठक में सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का सही लाभ मिलना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कई बार युवाओं के पास काम करने की क्षमता और इच्छाशक्ति होती है, लेकिन पूंजी की कमी उनकी राह में बड़ी बाधा बन जाती है। बैंक यदि ऐसे पात्र आवेदकों को तुरंत ऋण उपलब्ध कराएंगे तो न केवल युवाओं का भविष्य संवर सकेगा बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।
किसानों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज खेती को टिकाऊ और लाभकारी बनाने के लिए पूंजी निवेश की जरूरत है। कृषि उपकरण, बीज, खाद, पशुपालन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में किसान तभी प्रगति करेंगे जब उन्हें समय पर पर्याप्त ऋण मिलेगा। सीडीओ ने स्पष्ट कहा कि किसानों को ऋण देने में किसी प्रकार की अनावश्यक आपत्ति नहीं लगाई जानी चाहिए।
कमजोर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि समाज के कमजोर वर्ग, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला उद्यमी और दिव्यांगजनों को भी स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत प्राथमिकता से ऋण प्रदान किया जाए। सीडीओ ने कहा कि इन वर्गों को सक्षम बनाना ही सच्चे अर्थों में सामाजिक न्याय है।
उन्होंने बैंक अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे ऐसी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी करें ताकि अधिक से अधिक पात्र लोग आवेदन कर सकें। कई बार जानकारी के अभाव में लोग अवसर से वंचित रह जाते हैं।
बैंक शाखाओं की शिकायतों पर सख्त रुख
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कई बैंक शाखाएँ बिना किसी ठोस कारण के ऋण आवेदन वापस कर रही हैं। इस पर सीडीओ ने नाराजगी जताई और कहा कि यह रवैया बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि बिना कारण आवेदन निरस्त करने वाली शाखाओं के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बैंक अधिकारियों को चेताया कि सरकार और प्रशासन का उद्देश्य पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना है, और इस उद्देश्य में किसी भी प्रकार की बाधा को गंभीरता से लिया जाएगा।
आधार सीडिंग पर विशेष जोर
बैठक में पेंशनधारकों और छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों के खातों को आधार से जोड़ने (सीडिंग) पर भी विशेष जोर दिया गया। सीडीओ ने निर्देश दिए कि सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि पेंशन और छात्रवृत्ति सीधे लाभार्थियों के खातों में समय पर पहुँचे। आधार लिंकिंग से पारदर्शिता बनी रहेगी और बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त होगी।
उन्होंने कहा कि जिन खातों में आधार सीडिंग अभी तक नहीं हुई है, उन्हें तुरंत पूरा किया जाए। इससे न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित होगा बल्कि वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया भी मज़बूत होगी।
ऋण जमा अनुपात (C D Ratio) बढ़ाने के निर्देश
सीडीओ ने बैंक शाखाओं के ऋण जमा अनुपात (C D Ratio) की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले की कई शाखाओं का सीडी रेशियो 40 प्रतिशत से कम है, जो चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने ऐसे बैंकों को चेतावनी दी कि वे जल्द से जल्द अधिक ऋण वितरण कर सीडी रेशियो को 40 प्रतिशत से ऊपर लाएँ।
उन्होंने समझाया कि सीडी रेशियो जितना अधिक होगा, उतना ही अधिक पूंजी बाजार और समाज में निवेश होगी। इससे उद्यमिता और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
डाटा की पारदर्शिता पर बल
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि सभी विभाग और बैंक प्रबंधक वेबसाइट पर अपलोड किए जाने वाले डाटा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न करें। सीडीओ ने कहा कि डाटा में अंतर आने से सरकार की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन प्रभावित होता है। इसलिए हर हाल में शत-प्रतिशत पारदर्शिता बरती जाए।
विभिन्न विभागों की भागीदारी
इस समीक्षा बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक दिनेश गुप्ता ने विभिन्न विभागों की ओर से संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इसके अलावा महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी, जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना, जिला कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. डीके चंद सहित कई विभागों के अधिकारी एवं बैंक प्रबंधक उपस्थित रहे।
सभी विभागों ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही योजनाओं और उसमें बैंकों की भूमिका पर विचार साझा किए।
बैठक के संभावित परिणाम
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सीडीओ के निर्देशों का सही ढंग से पालन किया जाता है तो जिले में बेरोजगारी में कमी आएगी, किसानों की आय में वृद्धि होगी और कमजोर वर्ग के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। साथ ही, उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, जब बैंक अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा ऋण के रूप में समाज को उपलब्ध कराते हैं, तो इसका लाभ सीधे तौर पर स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलता है। यह प्रक्रिया ‘विन-विन’ स्थिति पैदा करती है – बैंक का व्यवसाय बढ़ता है और जनता की आर्थिक स्थिति भी सुधरती है।
निष्कर्ष
हरिद्वार में आयोजित इस बैठक से साफ संदेश गया है कि अब बेरोजगार, किसान और कमजोर वर्ग के लोग ऋण के लिए बैंकों के चक्कर काटने से मुक्त होंगे। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे के सख्त निर्देशों से बैंक शाखाओं की जवाबदेही तय होगी।
यदि बैंक अधिकारी समय पर और बिना बाधा के पात्र लोगों को ऋण उपलब्ध कराते हैं, तो निश्चित ही हरिद्वार जिले का आर्थिक परिदृश्य बदल सकता है। यह पहल न केवल व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि जिले की सामूहिक प्रगति में भी मील का पत्थर साबित होगी।




































