(शहजाद अली हरिद्वार)चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार (22 अगस्त 2025) की आधी रात के बाद बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। तेज बारिश और मलबे के सैलाब से थराली कस्बे के कई हिस्से जलमग्न हो गए। तहसील परिसर, एसडीएम आवास, और आसपास के घरों में भारी मात्रा में मलबा घुस गया।
तहसील परिसर में खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं, जिससे वाहनों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा। अचानक पानी और मलबे के बहाव से थराली की सड़कें तालाब जैसी दिखाई देने लगीं।
सबसे बड़ा हादसा सागवाड़ा गांव में हुआ, जहां एक युवती मलबे में दबकर मौत का शिकार हो गई। इस दुखद घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
लोग रातों-रात घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुट गई हैं।
वहीं चेपड़ों बाजार भी आपदा की चपेट में आया, जहां कई दुकानें मलबे से क्षतिग्रस्त हो गईं। यहां से एक व्यक्ति के लापता होने की खबर ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
इसके अलावा, थराली-ग्वालदम मार्ग और थराली-सागवाड़ा मार्ग दोनों ही जगह-जगह मलबे और भारी बारिश के कारण बंद हो गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए गौचर से SDRF की टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है। वहीं, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) मिंग्गदेरा के पास बंद पड़े मार्ग को खोलने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है।
जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से थराली तहसील क्षेत्र के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार (23 अगस्त) को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इससे पहले भी चमोली जिले में बादल फटने और भारी बारिश से सोल घाटी और केरा गांव में तबाही की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
इस ताजा आपदा ने एक बार फिर क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
