(शहजाद अली हरिद्वार) रूड़की।हरिद्वार पुलिस ने एक गुमशुदगी के मामले का सफलतापूर्वक खुलासा कर हत्या का राज़ बेनकाब किया है। कोतवाली गंगनहर क्षेत्र में 18 वर्षीय युवक दीपक रावत की गुमशुदगी दर्ज हुई थी, लेकिन विवेचना में यह मामला हत्या में बदल गया।
13 अगस्त 2025 को चन्द्रपुरी राणा चौक निवासी युवक के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका बेटा दीपक 10 अगस्त की रात घर से मोटरसाइकिल लेकर निकला लेकिन लौटकर नहीं आया। मोबाइल भी स्विच ऑफ मिला। जांच में सामने आया कि दीपक का प्रेम प्रसंग 17 वर्षीय किशोरी से था।
किशोरी शादी करना चाहती थी, लेकिन परिजनों ने उम्र कम होने के कारण मना कर दिया। इस बीच किशोरी का संपर्क गाजियाबाद निवासी राजा शर्मा उर्फ सुखविंदर से भी हो गया। राजा ने दीपक को किशोरी से दूर रहने की धमकी भी दी थी।
इधर दीपक ने किशोरी से दूरी बनानी शुरू की और उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। नाराज होकर किशोरी ने यह बात राजा शर्मा को बताई। इसके बाद राजा ने अपने साथियों संग मिलकर दीपक को खत्म करने की योजना बनाई।
10 अगस्त की रात किशोरी ने दीपक को फोन कर मोदीनगर छोड़ने को कहा। रास्ते में सुभारती मेडिकल कॉलेज के पास राजा अपने दो साथियों के साथ मिला। किशोरी ने उन्हें अपना मौसी का पड़ोसी बताया। रात करीब 1 बजे सबने मिलकर नहर पटरी पर दीपक का गला दबाकर हत्या कर दी और शव को गंगनहर में फेंक दिया। आरोपी उसकी मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गए।
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में बनी विशेष पुलिस टीम ने मामले की परतें खोल दीं। किशोरी से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सारा घटनाक्रम स्वीकार किया।
15 अगस्त को उसकी निशानदेही पर पुलिस ने आरोपी मोहसीन को गिरफ्तार कर लिया और दीपक का शव देहरा झाल, थाना धौलाना (हापुड़) से बरामद किया।
इस पूरी कार्रवाई में पुलिस टीम का योगदान सराहनीय रहा। टीम में शामिल थे –
सीओ रुड़की नरेन्द्र पंत, एसएचओ गंगनहर आर.के. सकलानी, एसएसआई अजय शाह, उपनिरीक्षक नवीन कुमार, मुनव्वर हुसैन, पंकज कुमार, प्रवीण बिष्ट, महिला उपनिरीक्षक करुणा रौंकली, अपर उपनिरीक्षक ललिता, हेड कॉन्स्टेबल इसरार, महिला हेड कॉन्स्टेबल बबीता, कॉन्स्टेबल अर्जुन चौहान, अजयवीर, अमित सोलंकी, प्रभाकर, चेतन सिंह, मनमोहन सैनी, चालक लाल सिंह और चमन।
टीम की मेहनत और त्वरित कार्रवाई के चलते न केवल हत्या का पर्दाफाश हुआ बल्कि मृतक का शव भी परिजनों को मिल पाया। इस उपलब्धि पर आईजी गढ़वाल रेंज ने 10,000 रुपये और एसएसपी हरिद्वार ने 2,500 रुपये इनाम की घोषणा की है।
वर्तमान में मुख्य आरोपी राजा शर्मा और उसका एक अन्य साथी फरार हैं। पुलिस टीमें लगातार दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही हैं।
यह केस दर्शाता है कि कैसे प्रेम प्रसंग की जटिलताएं अपराध का रूप ले सकती हैं, लेकिन साथ ही यह भी साबित करता है कि हरिद्वार पुलिस की सतर्कता और टीमवर्क से कोई भी अपराध ज्यादा समय तक छिपा नहीं रह सकता।
