न्यूज़ फ्लैश
“सम्राट पृथ्वीराज महाविद्यालय रोहालकी में तंबाकू मुक्त स्कूल अभियान की धमाकेदार शुरुआत, विशेषज्ञों की जागरूकता संगोष्ठी से छात्रों में स्वास्थ्य सुरक्षा का नया संकल्प” “लापता संतों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: श्रीमहंत धर्मेंद्र दास ने CBI जांच का स्वागत किया, बोले—‘अखाड़े में घुसे माफिया होंगे बेनकाब!’” “धर्मनगरी हरिद्वार में महाअभियान: डीएम मयूर दीक्षित की निगरानी में सड़क से घाट तक ‘क्लीन हरिद्वार मिशन’ हुई तेज, अवैध दुकानें हटीं और स्वच्छता का बिगुल जोरदार” “धनौरी स्थापना दिवस पर बहुगुणा का बड़ा संदेश—जो युवा उत्तराखंड का नाम रोशन करे, वही राज्य का सच्चा ब्रांड एंबेसडर; शिक्षा और प्रतिभा से ही बनेगी नई पहचान” “शिवालिक नगर में विकास की बयार: अध्यक्ष राजीव शर्मा ने दिल खोलकर शुरू कराए सड़क–नाली–पुलिया कार्य, हर वार्ड को ‘मॉडल नगर’ बनाने की बड़ी पहल” “लौह पुरुष की 150वीं जयंती पर हरिद्वार में उमड़ा उत्साह: स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में निकला भव्य रन फॉर यूनिटी, जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत”
Home » ज्ञापन » बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने केंद्रित सेवा नियमावली को बताया कर्मचारी विरोधी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने केंद्रित सेवा नियमावली को बताया कर्मचारी विरोधी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने केंद्रित सेवा नियमावली को कर्मचारी विरोधी बताते हुए उसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है।

कर्मचारियों ने जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए चेतावनी दी कि यदि नियमावली में सुधार नहीं हुआ तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

कर्मचारियों की सभा में सचिव अनिल सैनी ने कहा कि 4 जून 2022 को सार्वजनिक की गई नियमावली में दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर कैबिनेट में इसे बिना संशोधन के पारित कर दिया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि यह नियमावली न तो कर्मचारियों के हित में है, न ही समितियों के हित में। इसके तहत सहकारी समितियों की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ की गई है और संचालक मंडल बोर्ड के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि यह नया नियम उत्तराखंड राज्य निर्माण के 25 वर्षों बाद लाया गया है, लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी नियमावली 1976 की तुलना में भी कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि इस नियमावली में कई खामियां हैं, जो सहकारिता की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करती हैं।

हरिद्वार जनपद के सचिवों एवं कर्मचारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अनिल सैनी, अनिल चौहान, विपिन चौहान, प्रताप सिंह, लक्ष्मी दत्त पंत, सुनील कुमार, अभिषेक चौधरी, प्रवीण कुमार सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे

253 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *