(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने केंद्रित सेवा नियमावली को कर्मचारी विरोधी बताते हुए उसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है।

कर्मचारियों की सभा में सचिव अनिल सैनी ने कहा कि 4 जून 2022 को सार्वजनिक की गई नियमावली में दिए गए सुझावों को नजरअंदाज कर कैबिनेट में इसे बिना संशोधन के पारित कर दिया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि यह नियमावली न तो कर्मचारियों के हित में है, न ही समितियों के हित में। इसके तहत सहकारी समितियों की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ की गई है और संचालक मंडल बोर्ड के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह नया नियम उत्तराखंड राज्य निर्माण के 25 वर्षों बाद लाया गया है, लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी नियमावली 1976 की तुलना में भी कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि इस नियमावली में कई खामियां हैं, जो सहकारिता की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करती हैं।
हरिद्वार जनपद के सचिवों एवं कर्मचारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अनिल सैनी, अनिल चौहान, विपिन चौहान, प्रताप सिंह, लक्ष्मी दत्त पंत, सुनील कुमार, अभिषेक चौधरी, प्रवीण कुमार सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे
