न्यूज़ फ्लैश
“सम्राट पृथ्वीराज महाविद्यालय रोहालकी में तंबाकू मुक्त स्कूल अभियान की धमाकेदार शुरुआत, विशेषज्ञों की जागरूकता संगोष्ठी से छात्रों में स्वास्थ्य सुरक्षा का नया संकल्प” “लापता संतों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: श्रीमहंत धर्मेंद्र दास ने CBI जांच का स्वागत किया, बोले—‘अखाड़े में घुसे माफिया होंगे बेनकाब!’” “धर्मनगरी हरिद्वार में महाअभियान: डीएम मयूर दीक्षित की निगरानी में सड़क से घाट तक ‘क्लीन हरिद्वार मिशन’ हुई तेज, अवैध दुकानें हटीं और स्वच्छता का बिगुल जोरदार” “धनौरी स्थापना दिवस पर बहुगुणा का बड़ा संदेश—जो युवा उत्तराखंड का नाम रोशन करे, वही राज्य का सच्चा ब्रांड एंबेसडर; शिक्षा और प्रतिभा से ही बनेगी नई पहचान” “शिवालिक नगर में विकास की बयार: अध्यक्ष राजीव शर्मा ने दिल खोलकर शुरू कराए सड़क–नाली–पुलिया कार्य, हर वार्ड को ‘मॉडल नगर’ बनाने की बड़ी पहल” “लौह पुरुष की 150वीं जयंती पर हरिद्वार में उमड़ा उत्साह: स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में निकला भव्य रन फॉर यूनिटी, जगह-जगह पुष्पवर्षा से स्वागत”
Home » संकल्प » “सहकार मंथन-2025: डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सहकारी समितियों के दम पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता आत्मनिर्भर उत्तराखंड का भव्य संकल्प”

“सहकार मंथन-2025: डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सहकारी समितियों के दम पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाता आत्मनिर्भर उत्तराखंड का भव्य संकल्प”

(शहजाद अली हरिद्वार) देहरादून। सहकार मंथन-2025 कार्यशाला, देहरादून में आयोजित, उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहकारी समितियों के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जोर देकर कहा कि सहकारी समितियाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनेंगी, जिससे आत्मनिर्भर उत्तराखंड का लक्ष्य हासिल होगा।

मुख्य बिंदु:

उद्देश्य: सहकारिता क्षेत्र में नवाचार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, और युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करना।
योजना: प्रत्येक 300-400 ग्रामीण जनसंख्या या 2-3 गाँवों के लिए बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियाँ (एम-पैक्स) स्थापित करना।उपलब्धियाँ: उत्तराखंड ने 2017 से IBPS के माध्यम से सहकारी बैंकों में पारदर्शी भर्तियाँ शुरू कीं, जिसे छह अन्य राज्य अपना रहे हैं।
– मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना: राष्ट्रीय स्तर पर सराहना, अन्य राज्य इसे अपना रहे हैं।
डिजिटलीकरण और नवाचार: सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण, ऋण वितरण में सुधार, और ग्रामीण उत्पादों के विपणन पर चर्चा।
हरित उत्तराखंड: नर्सरियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आय बढ़ाने पर जोर।
तकनीकी सत्र: IT, डिजिटलीकरण, और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान जैसे विषयों पर विचार-विमर्श।कार्यशाला में सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड, और अन्य हितधारकों ने भाग लिया, जो उत्तराखंड को सहकारिता में अग्रणी बनाने के लिए एकजुट प्रयासों का संकेत देता है। यह आयोजन ग्रामीण समृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई शुरुआत है।

67 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *