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मिक्चर प्लांट से तबाह हुए गांव: आठ साल से धूल, गड्ढे और बेबसी झेल रहे ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी, बोले – अब तो सरकार जागे! “हरिद्वार आरटीओ में दलालों की बादशाहत खत्म — अफसर निखिल शर्मा की सर्जरी से बदला माहौल, अब न बाइक पर दलाल दिखेंगे, न जेब में सेटिंग — जनता बोली: पहली बार महसूस हुआ कि दफ्तर हमारा है, किसी गिरोह का नहीं!” बंद पड़े मकान में बड़ी चोरी: चोरों ने उड़ाई नकदी और लाखों के जेवरात, CCTV में कैद हुए संदिग्ध श्रावण कांवड़ मेला 2025: हरिद्वार में उत्तराखंड-यूपी पुलिस की समन्वय बैठक, सुरक्षा और यातायात योजनाओं पर बनी रणनीति शिवालिक नगर में विकास को मिली नई रफ्तार: वार्ड 4 में नाली व पुलिया निर्माण कार्य का भव्य शुभारंभ बहादराबाद में पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट से मचा हड़कंप: दो लोग गंभीर रूप से घायल, आग में जलकर खाक हुआ लाखों का माल, दमकल और पुलिस टीम मौके पर जुटी
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मिक्चर प्लांट से तबाह हुए गांव: आठ साल से धूल, गड्ढे और बेबसी झेल रहे ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी, बोले – अब तो सरकार जागे!

(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार। हरिद्वार जनपद के बहादराबाद ब्लॉक अंतर्गत ग्राम आन्नेकी हेतमपुर, पुरनपुर साल्हापुर, सुमन नगर और आसपास के गांवों में एक मिक्चर प्लांट ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन चुका है। जहां पहले हरियाली, शांति और खेती की खुशहाली थी, वहां अब धूल, ट्रकों का शोर और टूटी सड़कों ने जीवन को मुश्किल बना दिया है।गांव के पास स्थित मिक्चर प्लांट से प्रतिदिन गुजरते भारी ट्रक न केवल रास्तों को तबाह कर रहे हैं, बल्कि हवा में इतना धूल भर देते हैं कि खेतों की फसलें तक प्रभावित हो रही हैं। सड़क पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो बारिश में कीचड़ से भर जाते हैं और आवागमन को पूरी तरह बाधित कर देते हैं। पैदल चलना, साइकिल या ट्रैक्टर से खेत जाना तकरीबन असंभव हो गया है।ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट मालिक केवल अपने ट्रकों के लिए रास्ता बनवाता है, लेकिन ग्रामीणों की समस्याओं की अनदेखी की जाती है। आठ वर्षों से लगातार ज्ञापन और शिकायतें दी गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

खेती-बाड़ी भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उड़ती धूल के कारण फसलों की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और उत्पादन आधा रह गया है। किसान खेतों तक पहुंचने के लिए दूसरे खेतों से होकर जाने को मजबूर हैं, जिससे आपसी विवाद भी हो रहे हैं।बच्चों की पढ़ाई, बीमारों का इलाज और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना एक चुनौती बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि वह अपने ही गांव में कैद होकर रह गए हैं।दिनांक 16 जून 2025 को ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन और चक्का जाम करेंगे।

ग्रामीणों की मांग है कि सड़क को पक्का किया जाए, ट्रकों के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाया जाए, कीचड़ नियंत्रण हो और उन्हें हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।

अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह सिर्फ आश्वासन न दे, बल्कि ठोस कार्रवाई कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाए, ताकि विकास के नाम पर कोई समुदाय कुचला न जाए।

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“हरिद्वार आरटीओ में दलालों की बादशाहत खत्म — अफसर निखिल शर्मा की सर्जरी से बदला माहौल, अब न बाइक पर दलाल दिखेंगे, न जेब में सेटिंग — जनता बोली: पहली बार महसूस हुआ कि दफ्तर हमारा है, किसी गिरोह का नहीं!”

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