(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में आयोजित “भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर” विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के विषय में महत्वपूर्ण बातें कहीं। कार्यक्रम का आयोजन हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने पद्मश्री लोक गायक प्रीतम भरतवाण द्वारा गाई गई जागर ‘सुरकंडा देवी’ का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने जागर परंपरा की महिमा बताते हुए कहा कि यह केवल गायन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का संचार है। प्रत्येक शब्द, ताल और ढोल की थाप में एक दिव्यता होती है जो देवत्व को आमंत्रित करती है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जागरों के माध्यम से प्रकृति, पर्वत और देवशक्तियों से संवाद स्थापित किया, जिसे संरक्षित रखना हम सभी का दायित्व है।
राजकीय सेवाओं में पारदर्शिता की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अब राज्य में चयन का आधार केवल मेरिट, प्रतिभा और योग्यता है। युवाओं को चाहिए कि वे पूरे आत्मविश्वास और समर्पण के साथ परीक्षाओं की तैयारी करें क्योंकि उनका भविष्य अब योग्यता पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सुरकंडा देवी मंदिर तक रोपवे सुविधा उन्हीं की सरकार द्वारा शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त मानसखंड मंदिरों के पुनरुत्थान, गंगा और शारदा कॉरिडोर निर्माण जैसी परियोजनाएं सांस्कृतिक विकास की दिशा में जारी हैं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भरतवाण सहित अनेक गणमान्य अतिथि और दर्शक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने जनता से उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़ाव बनाए रखने का आह्वान किया।
