(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 23 जुलाई 2025 – शिवरात्रि के पावन अवसर पर हरिद्वार में आयोजित भव्य कांवड़ मेला 2025 का सफलता और सौहार्दपूर्ण ढंग से समापन हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन के समापन के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में मां गंगा की पूजा-अर्चना कर दुग्धाभिषेक किया और गंगा मैया का आशीर्वाद लिया।
इसके पश्चात दोनों अधिकारी श्री दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने जलाभिषेक कर महादेव की आराधना की और पुण्य लाभ अर्जित किया।
इस बार का कांवड़ मेला अपनी भव्यता, सुव्यवस्थित प्रबंधन और अभूतपूर्व शिवभक्तों की भीड़ के लिए ऐतिहासिक रहा। जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष के कांवड़ मेले में लगभग 4 करोड़ 50 लाख शिवभक्तों ने हरिद्वार पहुंचकर मां गंगा से पवित्र जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने के लिए कांवड़ यात्रा शुरू की।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में भक्तों के आगमन के बावजूद कांवड़ मेला पूरी तरह से सकुशल और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुआ, जो मां गंगा और महादेव शिव की कृपा का परिणाम है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मिली अद्वितीय सफलता
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व, मार्गदर्शन एवं दूरदर्शी योजनाओं की बदौलत ही कांवड़ मेला 2025 को इतनी बड़ी सफलता मिल सकी।शासन द्वारा मुहैया कराई गई उच्चस्तरीय सुरक्षा, मूलभूत सुविधाएं, चिकित्सा सेवाएं, ट्रैफिक प्रबंधन और स्वच्छता जैसे अनेक बिंदुओं पर प्रशासन ने बेहतरीन कार्य किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर की गई समीक्षा बैठकों और फील्ड विजिट्स ने सभी अधिकारियों को ऊर्जा दी, जिससे मेला क्षेत्र में कहीं कोई अव्यवस्था नहीं पनपी।
पुलिस एवं सुरक्षाबलों की अद्वितीय भूमिका
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल की नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने मेला क्षेत्र की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को बेहद कुशलता से संभाला। जिलाधिकारी ने एसएसपी को बधाई देते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद हर जगह पुलिस की सक्रियता और तत्परता ने शिवभक्तों को सुरक्षा का भाव दिया।
इसके साथ ही पीआरडी, होमगार्ड्स, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने दिन-रात ड्यूटी कर मेला को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। हरिद्वार शहर के प्रमुख ट्रैफिक प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस की सतर्कता और ट्रैफिक डायवर्जन प्लान ने यात्रा को निर्बाध बनाए रखा।
सामाजिक सहभागिता से बनी नई मिसाल
कांवड़ मेला सिर्फ प्रशासनिक नहीं, सामाजिक सहभागिता का भी एक सशक्त उदाहरण बना। स्वयंसेवी संगठनों, व्यापार मंडलों, सामाजिक संस्थाओं, संत समाज, पर्यावरण मित्रों और आम नागरिकों ने मेला को सफल बनाने में सहयोग किया।
जिलाधिकारी ने सभी सहयोगियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जनभागीदारी के बिना इतना विशाल आयोजन सफल नहीं हो सकता।
उन्होंने विशेष रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं और ट्रैफिक सूचनाओं को आम जनता तक समय पर पहुंचाया।
विशेष स्वच्छता अभियान की घोषणा
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कांवड़ यात्रा के सकुशल संपन्न होने के उपरांत अब विशेष स्वच्छता अभियान चलाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि कांवड़ मेला क्षेत्र और कांवड़ पटरी मार्गों पर अगले तीन दिनों तक विशेष सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम, स्वच्छ भारत मिशन और अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं ने जिस श्रद्धा और आस्था से इस मेला में भाग लिया, अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि क्षेत्र को फिर से स्वच्छ और व्यवस्थित किया जाए।
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से लिया आशीर्वाद
हरकी पैड़ी और दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी ने पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। श्रीमहंत जी ने भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं की सराहना की और करोड़ों भक्तों के लिए सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा और सुविधा प्रबंधन के लिए प्रशासन को बधाई दी।
प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
इस पावन अवसर पर अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों में एचआरडीए सचिव मनीष कुमार, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र मेहरा, एसपी सदर जितेंद्र चौधरी, एसपी सिटी पंकज गैरोला, अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, सीओ सिटी शिशुपाल नेगी, सीओ निहारिका सेमवाल, तहसीलदार सचिन कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल रहे।
निष्कर्ष
हरिद्वार का कांवड़ मेला 2025 न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी एक मॉडल आयोजन बनकर उभरा है। करोड़ों शिवभक्तों की आस्था, प्रशासन का संयम और समाज का सहयोग मिलकर इस ऐतिहासिक आयोजन को नई ऊंचाइयों तक ले गए। अब जबकि यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गई है, प्रशासन की अगली चुनौती स्वच्छता और वेस्ट मैनेजमेंट की है, जिसे भी पूरी तत्परता से अंजाम दिया जाएगा। हरिद्वार ने एक बार फिर साबित किया है कि आस्था, अनुशासन और प्रशासनिक क्षमता का संगम बड़े से बड़े आयोजन को सफल बना सकता है।
