(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने चार माह से लंबित वेतन को लेकर मंगलवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आयुर्वेद विश्वविद्यालय टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों के शिक्षक, चिकित्सक और अन्य कर्मचारी शामिल हुए।
टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अवधेश मिश्रा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन हर माह नियत समय पर मिलना चाहिए, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन समय से वेतन दिलाने में असफल रहा है। उन्होंने बताया कि शासन से आवश्यक पत्राचार और प्रक्रियाएं समयबद्ध नहीं की जा रही हैं, जिससे सभी कर्मचारी मानसिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
संघ के कोषाध्यक्ष प्रो. संजय त्रिपाठी ने कहा कि जुलाई माह में बच्चों के स्कूलों की फीस, कॉपी-किताबों जैसी आवश्यकताओं के लिए पैसे की जरूरत होती है, लेकिन पिछले चार महीने से वेतन न मिलने के कारण घर चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि कर्मचारियों को नियमित वेतन के लिए त्वरित और स्थायी समाधान निकाला जाए।
प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव प्रो. ओ.पी. सिंह ने कर्मचारियों से संवाद करते हुए आश्वासन दिया कि शासन से मांगे गए सभी दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं और एक जुलाई को होने वाली वेतन एवं बजट बैठक में इस समस्या के समाधान की संभावना है।
शिक्षकों ने यह भी मांग रखी कि पूर्व की भांति ट्रेजरी प्रणाली से वेतन भुगतान फिर से शुरू किया जाए, जिससे बार-बार होने वाली वेतन संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान संभव हो सके।
प्रदर्शन में प्रो. पंकज शर्मा, प्रो. मीना रानी आहूजा, प्रो. विपिन पांडे, प्रो. उत्तम शर्मा, डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. मयंक भटकोटी, डॉ. देवेश शुक्ला, डॉ. दीपशिखा, डॉ. शिखा पांडेय, डॉ. शोभित, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ. राजीव कुरेले सहित कई शिक्षक और कर्मचारी शामिल रहे।
