(शहजाद अली हरिद्वार)गदरपुर (उधमसिंहनगर):गदरपुर क्षेत्र में फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम बिशनपुर निवासी कुसुम पत्नी सुरेंद्र उर्फ बाबू पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वर्ष 2005 की एक संदिग्ध टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) के आधार पर कई योजनाओं का लाभ प्राप्त किया, जबकि उनका विवाह वर्ष 2003 में ही हो चुका था।
शिकायतकर्ता अमन कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी को प्रेषित शिकायत पत्र में बताया कि कुसुम ने 2005 में आरआर खेड़ा पूर्व माध्यमिक विद्यालय, रामजीवनपुर से कक्षा 8 उत्तीर्ण होने का दावा किया, जबकि वह पहले ही अपने ससुराल में रह रही थीं।
उनका कहना है कि उक्त महिला को कभी विद्यालय जाते नहीं देखा गया, न ही कोई वास्तविक शैक्षणिक रिकॉर्ड मौजूद है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 2019 में उस टीसी पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा काउंटर साइनिंग भी कर दी गई।
फर्जीवाड़े के आरोप गंभीर, कार्रवाई की मांग तेज
======================
शिकायतकर्ता ने टीसी की गहन जांच और यदि फर्जीवाड़ा साबित हो तो एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यह शिकायत जिलाधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा निदेशक तक भी भेजी गई है, ताकि उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित की जा सके।
जांच पर उठे सवाल ग्रामीणों में असंतोष
शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक स्तर पर रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है, लेकिन सवाल यह है कि जांच कब पूरी होगी और दोषियों पर क्या कार्रवाई होगी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोई फर्जी दस्तावेजों के दम पर योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहा है, तो यह सीधे तौर पर जनहित पर चोट है और प्रशासन को इस पर सख्त व निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए।
अब सभी की निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई और शिक्षा विभाग की निष्पक्षता पर टिकी हैं। क्या दोषियों पर समय से कार्रवाई होगी या मामला फाइलों में ही दफन हो जाएगा?
