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“धर्म नहीं, कर्तव्य ही पहचान है – कांवड़ यात्रा में मिसाल बने मंगलौर के 5 मुस्लिम SPO, बिना वेतन निभा रहे सेवा धर्म”

(शहजाद अली हरिद्वार) मंगलौर। कांवड़ यात्रा का आज अंतिम दिन है। देशभर से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं और शिवभक्ति में डूबे रहते हैं। इस विशाल जनसैलाब को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं होता। हरिद्वार पुलिस, प्रशासन और अनेक स्वयंसेवी संगठन इस व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में लगे रहते हैं। मगर इस बार कुछ ऐसे चेहरों ने समाज के सामने एक प्रेरणादायी मिसाल पेश की है, जो धर्म और मानवता के बीच की सीमाओं को धुंधला कर देते हैं।मंगलौर बस अड्डा — जहाँ इस पूरी यात्रा के दौरान पाँच मुस्लिम स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) बिना किसी मानदेय के, पूरी निष्ठा से ट्रैफिक व्यवस्था और पुलिस सहयोग में जुटे रहे। इनका नाम है – डॉ. मोईन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद नदीम, वाहिद और शमीम। ये सभी मंगलौर के रहने वाले हैं और हर साल कांवड़ यात्रा शुरू होते ही अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए बिना किसी तनख्वाह के, बिना किसी शोर-शराबे के, पुलिस की टीम के साथ डट जाते हैं।भीषण गर्मी हो या बारिश, इन पांचों SPO को हर समय हाथ में डंडा लिए यातायात और भीड़ नियंत्रण में सक्रिय देखा गया। कांवड़ियों की सुरक्षा, सुगम यात्रा और मार्ग व्यवस्था के लिए ये लगातार पुलिस टीम के साथ मिलकर काम करते हैं। उनका योगदान देखकर कई अधिकारी भी हैरान रह जाते हैं कि बिना किसी पारिश्रमिक के यह लोग हर साल सेवा भावना से भरे रहते हैं।जब इनसे पूछा गया कि बिना वेतन, बिना किसी आर्थिक सहायता के वे यह जिम्मेदारी क्यों निभाते हैं, तो उनका जवाब था – “हमें कोई पैसा नहीं चाहिए।

जब कांवड़ यात्रा समाप्त होती है और जिला पुलिस कप्तान हमें बुलाकर शॉल या प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित करते हैं, वही हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि और गर्व का क्षण होता है।”

 

इनका यह योगदान सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

जब देश में धर्म के नाम पर विभाजन की बातें होती हैं, तब ऐसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि भारत की असली ताकत उसकी एकता और आपसी भाईचारा है।

 

हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थान पर जहाँ लाखों शिवभक्त उमड़ते हैं, वहाँ पाँच मुस्लिम युवकों का पूरी निष्ठा और ईमानदारी से सेवा देना, समाज को यह सीख देता है कि देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का कोई धर्म नहीं होता।

 

डॉ. मोईन, सलमान, नदीम, वाहिद और शमीम जैसे लोग समाज की उस तस्वीर को उजागर करते हैं, जो सादगी, समर्पण और सांप्रदायिक सौहार्द से भरी है

। ये पाँचों SPO न सिर्फ हरिद्वार पुलिस के लिए एक मजबूत कंधा हैं, बल्कि देश के लिए प्रेरणा हैं।

 

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“डॉ. बी.एस. राजपूत के नेतृत्व में कोर यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने कांवड़ यात्रा में रचा सेवा का इतिहास – 24×7 मेडिकल शिविर में 12,000+ शिवभक्तों को मिला निःशुल्क उपचार, सेवा, समर्पण और संवेदना बनी पहचान”

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