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“सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर उत्तराखंड की सहकारी समितियों को मिला डिजिटल सशक्तिकरण, अमित शाह ने लोकसभा में दी ऐतिहासिक योजनाओं की जानकारी – गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बड़ा कदम”

(शहजाद अली हरिद्वार)नई दिल्ली/देहरादून।सहकारिता आंदोलन के जरिए गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में उत्तराखंड एक नई इबारत लिख रहा है। लोकसभा में हरिद्वार के सांसद श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जो जानकारी साझा की, वह इस क्षेत्र में हो रहे व्यापक और संरचित परिवर्तन को दर्शाती है।

e-PACS ERP से जुड़ी सभी PACS समितियाँ: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा डिजिटल बल

उत्तराखंड की सभी 670 प्राथमिक कृषि साख समितियाँ (PACS) अब NABARD द्वारा विकसित e-PACS ERP सॉफ्टवेयर से जुड़ चुकी हैं। इन समितियों को कंप्यूटर, प्रिंटर, बायोमेट्रिक डिवाइस, यूपीएस और वीपीएन जैसे डिजिटल उपकरणों से लैस किया गया है, जिससे अब लेन-देन, लाभांश वितरण, कृषि ऋण प्रक्रिया और अन्य सेवाएँ पारदर्शी और त्वरित हो सकेंगी।

₹13.48 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना में से ₹12.13 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार ने किया है, जो प्रधानमंत्री मोदी के “डिजिटल इंडिया” विजन को ग्रामीण स्तर तक उतारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

हरिद्वार को दुग्ध सहकारिता क्षेत्र में नई ऊर्जा

उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की 2025-26 की वार्षिक योजना में हरिद्वार जिले के लिए 27 नई दुग्ध सहकारी समितियों की स्थापना और 25 मौजूदा समितियों के सशक्तीकरण की योजना है। साथ ही, डेटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट्स की स्थापना से दुग्ध संग्रहण और उसकी गुणवत्ता पर निगरानी मजबूत होगी।

यह योजना न केवल दूध उत्पादकों की आय बढ़ाएगी, बल्कि महिलाओं और छोटे किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में योगदान देगी।

2 लाख MPACS समितियों का लक्ष्य: गांव-गांव तक पहुंचेगा सहकारिता आंदोलन

केंद्र सरकार ने 15 फरवरी 2023 को एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है जिसके तहत देशभर में 2 लाख बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ (MPACS) गठित की जाएंगी। ये समितियाँ डेयरी, मत्स्य, कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल सेवा, जन औषधि केंद्र, किसान समृद्धि केंद्र जैसे कई क्षेत्रों में काम करेंगी।

योजना का क्रियान्वयन DIDF, NPDD, PMMSY जैसी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के समन्वय से किया जा रहा है।

उत्तराखंड में MPACS क्रांति: आंकड़ों में देखें विकास

  • 672 PACS समितियाँ अब MPACS में बदली जा चुकी हैं
  • 587 नई MPACS समितियाँ का गठन भी हो चुका है
  • ये समितियाँ अब CSC केंद्र, जन औषधि केंद्र, किसान समृद्धि केंद्र जैसी सेवाओं में सक्रिय हैं

इन MPACS को उनके उपविधानों के अनुसार आर्थिक रूप से स्वतंत्र, लाभकारी और व्यवसायपरक संचालन की छूट दी गई है। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार, सेवा वितरण और उद्यमशीलता को नई उड़ान मिल रही है।

सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रतिक्रिया: ग्रामीण आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम

सांसद श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस उत्तर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा:

“यह पहल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। गांवों में डिजिटलीकरण, सेवाओं की पहुँच और आत्मनिर्भरता को जिस तरह केंद्र सरकार ने प्राथमिकता दी है, वह ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल देगा।”

उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सहकारी समितियों को जोड़ना, सुलभ सेवाओं, पारदर्शिता, गति और विश्वसनीयता को बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष:

उत्तराखंड में सहकारी समितियों का यह डिजिटलीकरण न केवल एक तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह ग्राम स्वराज की भावना को आधुनिक रूप में मूर्त करने का प्रयास है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण, सामाजिक समरसता और आर्थिक समृद्धि की नई कहानी लिख रही है – डिजिटल उत्तराखंड, आत्मनिर्भर गांव।

 

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कांवड़ मेले के बाद सफाई व्यवस्था को लेकर हरकत में आई नगर निगम टीम, मेयर किरण जैसल ने किया मेला क्षेत्र का निरीक्षण, दिए सख्त निर्देश—हरकी पैड़ी से कांवड़ पटरी तक चलाया जाएगा विशेष अभियान

“हरिद्वार में कांवड़ मेला 2025 का ऐतिहासिक, भव्य और सकुशल समापन: डीएम मयूर दीक्षित व एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने लिया मां गंगा व दक्षेश्वर महादेव का आशीर्वाद, करोड़ों शिवभक्तों की आस्था और प्रशासन की तत्परता से रचा गया सफलता का अध्याय”

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