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“लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 229 वीं पुण्यतिथि पर उमड़ा धनगर समाज, प्रदेश अध्यक्ष मनोज धनगर ने सरकार को दी चेतावनी – अधिकार न मिले तो सड़कों पर उतरेंगे”

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 13 अगस्त 2025। प्रदेश कार्यालय श्री कृष्णा गार्डन कॉलोनी, रोशनाबाद में बुधवार को ऑल इंडिया धनगर समाज महासंघ उत्तराखण्ड के तत्वावधान में धनगरवंश की महान विभूति, जनसेवा और न्यायप्रिय शासन की मिसाल लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 229 वीं पुण्यतिथि पर एक भावपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर से धनगर समाज के प्रतिनिधि, युवा और वरिष्ठ सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत महासंघ के प्रदेश महासचिव पवन पाल धनगर ने संचालन करते हुए की। सभी उपस्थित बंधुओं ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। माहौल में भक्ति और सम्मान की भावना स्पष्ट रूप से महसूस हो रही थी, मानो इतिहास के पन्ने पलटकर समाज अपनी विरासत से जुड़ रहा हो।

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर — त्याग, पराक्रम और न्याय का प्रतीक

गोष्ठी को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज धनगर ने कहा—
“लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी केवल एक शासक नहीं थीं, बल्कि वह प्रजा की सच्ची संरक्षिका और भारतीय संस्कृति की गौरवमयी प्रतीक थीं। उन्होंने अपने कार्यकाल में धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में ऐसे कार्य किए जो आज भी प्रेरणा देते हैं। दुर्भाग्य यह है कि उनकी संतानों और वंशजों को आज भी संवैधानिक अधिकार पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो सके हैं।”उन्होंने आगे कहा कि आज जब पूरा देश लोकमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है, धनगर समाज को अब भी अपनी मूल पहचान और संवैधानिक हक हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। धनगर समाज केवल राजनीतिक पार्टियों के लिए वोट बैंक बनकर रह गया है, लेकिन विकास और अधिकारों की दिशा में ठोस कदम न उठाए जाने से समाज मुख्यधारा से पिछड़ता जा रहा है।

संवेदनशील मुद्दे पर चेतावनी

अपने वक्तव्य में मनोज धनगर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने जल्द ही धनगर जाति के प्रमाण पत्र से जुड़े मामलों में ठोस और सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो समाज को अपने हक के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि धनगर समाज ने हमेशा राष्ट्रहित में योगदान दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार भी समाज की समस्याओं को गंभीरता से सुने और समाधान करे।

संगठन की एकजुटता और जिम्मेदारी

गोष्ठी में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में समाज को संगठित, जागरूक और शिक्षित बनना होगा। राजनीतिक जागरूकता के साथ-साथ युवाओं को अपने इतिहास और विरासत के बारे में भी जानना जरूरी है।

देवी अहिल्याबाई होलकर जी ने अपने जीवनकाल में न्याय, सेवा और नारी सशक्तिकरण के जो आदर्श स्थापित किए, उन्हें अपनाकर ही समाज प्रगति की राह पर आगे बढ़ सकता है।

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य सदस्य

गोष्ठी में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष पवन पाल धनगर, कोषाध्यक्ष जसवीर धनगर, प्रदेश महासचिव जोनी धनगर, प्रदेश सचिव चंदन धनगर, अभिषेक प्रताप नगर, कर्मवीर धनगर, अनूप धनगर, पंकज धनगर, द्वाशि धनगर, रोहित धनगर, दीपक धनगर, प्रवीण धनगर, गौरव धनगर, प्रदीप धनगर, सुमित धनगर, वेदपाल धनगर, विनीत धनगर, अभय धनगर, अंकित धनगर, देवेन्द्र धनगर, सुरेश धनगर, मनीष धनगर, अंकित धनगर, सक्षम धनगर, और शिवांक धनगर सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।

भावनात्मक माहौल और प्रेरणादायी संदेश

पूरे आयोजन के दौरान वातावरण में एक ओर अपने अतीत के गौरव को याद करने की भावना थी, तो दूसरी ओर भविष्य को बेहतर बनाने के संकल्प की लहर।

वक्ताओं ने कहा कि यह केवल पुण्यतिथि मनाने का अवसर नहीं, बल्कि एक चेतना दिवस है—एक ऐसा दिन जब समाज को अपने इतिहास, अपने अधिकार और अपने कर्तव्य का स्मरण करना चाहिए।

अंतिम संकल्प

गोष्ठी के समापन पर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि धनगर समाज अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संगठित तरीके से संघर्ष जारी रखेगा।

समाज के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी में आगे बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन और कार्यों पर शोध, प्रकाशन और जनजागरण कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित जनों द्वारा लोकमाता के चरणों में पुनः श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए हुआ। एक स्वर में यह संकल्प लिया गया कि देवी अहिल्याबाई होलकर जी के आदर्श, त्याग और नारी सशक्तिकरण की विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाएगा।

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