न्यूज़ फ्लैश
काशीपुर का स्कूल बना रणभूमि : 9वीं के छात्र ने लंच बॉक्स में छिपाकर लाया तमंचा, क्लास में टीचर को मारी गोली – जिलेभर में मचा हड़कंप, शिक्षकों में आक्रोश चरम पर बहादराबाद टोल प्लाजा पर किसानों का बवाल: ट्रैक्टरों की भगदड़, पुलिस से धक्का-मुक्की, कई घायल – देर रात तक धरने पर डटे रहे किसान, मुकदमा दर्ज करने की तैयारी “मदरसे में पढ़ने गए नाबालिग को इमाम ने बनाया अपनी हवस का शिकार” आरोपी इमाम को 24 घंटे के भीतर दबोच लाई हरिद्वार पुलिस” “रुड़की नगर निगम में बवाल: पार्षद के देवर की अभद्रता से भड़के कर्मचारी, हड़ताल पर उतरे, शुक्रवार से शहर की सफाई व्यवस्था ठप करने की चेतावनी” छात्रवृत्ति पंजीकरण में ढिलाई पर सीडीओ आकांक्षा कोण्डे का बड़ा एक्शन – शिक्षा व समाज कल्याण अधिकारियों की क्लास, बोलीं- कोई भी छात्र हक से वंचित नहीं रहेगा! ✨ खेलड़ी ग्राम सभा में बैंकिंग महाकुंभ – मंत्री से लेकर RBI और PNB अफसर तक, गाँव-गाँव पहुँच रही Re-KYC और सोशल सिक्योरिटी योजनाओं की सौगात ✨
Home » पहल » “राजाजी टाइगर रिजर्व में जलसंरक्षण की नई पहल: हर रेंज में जलाशय, वन्यजीवों को अब नहीं होगी पानी की कमी”

“राजाजी टाइगर रिजर्व में जलसंरक्षण की नई पहल: हर रेंज में जलाशय, वन्यजीवों को अब नहीं होगी पानी की कमी”

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। उत्तराखंड के जंगलों में वन्यजीवों की सुरक्षा और जल संकट को दूर करने के लिए वन विभाग सतत प्रयास कर रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत हरिद्वार जिले में स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व की विभिन्न रेंजों—श्यामपुर, रसिया बड़, लालडांग, पथरी और रानीपुर में जलाशयों का निर्माण और पुराने तालाबों का पुनर्जीवन किया जा रहा है।

गर्मियों में तापमान के बढ़ने के साथ-साथ पानी की कमी जंगली जानवरों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। इस समस्या को देखते हुए विभाग ने ऐसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया है जहां वन्यजीवों की अधिक गतिविधि रहती है। हाथियों से प्रभावित इलाकों में ट्यूबवेल और नलकूप लगाए गए हैं ताकि वहां 24 घंटे पेयजल उपलब्ध रहे।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन जलस्रोतों की स्थापना से हाथियों, हिरणों, तेंदुओं, बाघों और अन्य वन्यजीवों को जंगल के भीतर ही पानी मिल सकेगा,

वन्यजीवों को अब नहीं होगी पानी की कमी

जिससे उन्हें मानव बस्तियों की ओर आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह कदम मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में भी सहायक होगा।

इसके साथ ही, जल स्रोतों की यह व्यवस्था जंगलों में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में भी प्रभावी साबित हो रही है, क्योंकि वनस्पति में नमी बनी रहती है।

वन विभाग की यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है, जिससे न केवल वन्यजीवों को राहत मिली है बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती मिली है।

470 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *