(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार में इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का अत्याधुनिक ‘नभ नेत्र’ ड्रोन तैनात रहेगा, जो भीड़भाड़ वाले स्थानों, सड़कों, घाटों और पुलों की निरंतर निगरानी करेगा। ड्रोन से प्राप्त लाइव विजुअल्स राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में मॉनिटर किए जाएंगे, जिससे किसी भी आपदा या आकस्मिक स्थिति से त्वरित तरीके से निपटा जा सके।
यूएसडीएमए कंट्रोल रूम में आयोजित तैयारियों की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप ने बताया कि इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने संबंधित जिलों को निर्देशित किया कि यात्रा से जुड़े सभी आपदा प्रबंधन कार्य आईआरएस के अंतर्गत नियोजित किए जाएं और विभागीय समन्वय के लिए प्रत्येक विभाग एक सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट अधिकारी नामित करे।
सचेत एप बनेगा सहायक:
डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने बताया कि ‘सचेत एप’ के जरिए कांवड़ यात्रियों को मौसम संबंधी चेतावनियां और जरूरी अलर्ट समय पर मिल सकेंगे। एंट्री प्वाइंट्स पर एप डाउनलोड के लिए होर्डिंग्स और बारकोड लगाए जाएंगे। यात्रियों को आपात स्थिति में टोल फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 के इस्तेमाल की जानकारी भी दी जाएगी।
सुरक्षा प्रबंधन के व्यापक इंतजाम:
बैठक में जानकारी दी गई कि SDRF, NDRF, जल पुलिस तथा 60 आपदा मित्र गंगा घाटों पर तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट में विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। आपात स्थिति में देहरादून से भी NDRF की अतिरिक्त टीमें भेजी जा सकेंगी।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौ. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
