(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार।कांवड़ मेला 2025 को शांति व सुरक्षा के साथ संपन्न कराने के उद्देश्य से आज पुलिस लाइन रोशनाबाद के बहुउद्देशीय सभागार में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा ब्रीफिंग का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन ने की।
इस दौरान उन्होंने कहा, “कांवड़ मेला को एक चैलेंज के रूप में लें, और पूरे मनोयोग से इसकी सफलता सुनिश्चित करें। हमारी एकजुटता ही हमारी सफलता की कुंजी बनेगी।”
बैठक में एडीजी इंटेलिजेंस ए.पी. अंशुमान, आईजी ट्रैफिक एन.एस. नपच्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। पूरे मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में बांटा गया है, जिसकी निगरानी के लिए 11 ड्रोन कैमरों की तैनाती की जाएगी।
मुख्य व्यवस्थाएं और निर्देश:
- एसपी सिटी को मेला का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि एसपी देहात देहात क्षेत्रों की पुलिस व्यवस्था संभालेंगे और एसपी ट्रैफिक को यातायात प्रबंधन का दायित्व सौंपा गया है।
- मेला क्षेत्र में हर पुल, चौराहे, घाट और प्रवेश द्वार पर पुलिस तैनात रहेगी। एसपी से लेकर कांस्टेबल रैंक तक के अधिकारी चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे।
- स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (SPO) को भी मेला सुरक्षा में शामिल किया गया है।
ड्रोन से निगरानी, अफवाहों पर विशेष सतर्कता:
एडीजी इंटेलिजेंस ने अफवाहों, सोशल मीडिया के दुष्प्रचार और डीजे पर भड़काऊ गानों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए।
आईजी ट्रैफिक ने 24 घंटे यातायात की निगरानी और दूसरे राज्यों से आने वाली भीड़ के आंकलन की बात कही।जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने विभागीय समन्वय और तेजी से निर्णय लेने पर ज़ोर देते हुए कहा, “हम सभी को कांवड़ यात्रा के दौरान हर परिस्थिति में ढलना होगा, तभी हमारा लक्ष्य सफल होगा।”
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने फोर्स को चेताया कि मानसून की सक्रियता के चलते लगातार वर्षा संभावित है, इसलिए विशेष सतर्कता बरती जाए।
हरकी पैड़ी क्षेत्र को जीरो जोन घोषित किया गया है—यहाँ किसी भी अधिकारी को निजी या शासकीय वाहन से प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
प्रमुख निर्देश:
- हरकी पैड़ी के पुलों पर अतिक्रमण न हो और न ही कोई नदी में छलांग लगाए।
- ठेली/फेरी लगाने वालों की हरकी पैड़ी क्षेत्र में एंट्री पर रोक।
- मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता।
निष्कर्ष में, एडीजीपी ने कहा—“कांवड़ मेला केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं,
बल्कि जनसहभागिता से जुड़ा दायित्व है। हम सबको मिलकर इसे सफल बनाना है।”
