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“आईटीसी मिशन सुनहरा कल के तहत शिव मंदिर हरिद्वार में स्वच्छ उत्सव 2025, प्लास्टिक-फ्री देवालय की पहल और श्रद्धालुओं ने ली स्वच्छता शपथ”

(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार। स्वच्छ उत्सव 2025 – मेरा देवालय स्वच्छ देवालयहरिद्वार के शिवालिक नगर स्थित शिव मंदिर में 26 सितम्बर 2025 को आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत, श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम एवं बंधन संस्था द्वारा स्वच्छता उत्सव का आयोजन किया गया। “मेरा मंदिर – स्वच्छ मंदिर” थीम पर हुए इस आयोजन का उद्देश्य केवल मंदिर को कचरा मुक्त करना ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को स्वच्छता के व्यापक महत्व से जोड़ना भी रहा।मुख्य गतिविधियाँमंदिर परिसर की संपूर्ण सफाई कर लगभग 50 किलो सामान्य कचरा और 10 किलो प्लास्टिक बोतलें वैज्ञानिक निस्तारण हेतु भेजी गईं। प्लास्टिक मुक्त मंदिर पहल के तहत श्रद्धालुओं से कपड़े के थैले और स्टील/तांबे के बर्तनों के प्रयोग का आग्रह किया गया। साथ ही, उन्हें यह संदेश भी दिया गया कि प्रसाद और फूल जैसी सामग्री को खुले में न फेंककर निर्धारित कम्पोस्ट गड्ढे में डालें।बच्चों और युवाओं को यह समझाया गया कि देवालय को गंदा करना वास्तव में भगवान का अपमान है। परियोजना प्रबंधक डॉ. पंत ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान का वास केवल भक्ति में ही नहीं, बल्कि स्वच्छता में भी निहित है। सप्ताह में एक दिन-एक घंटा मंदिर की सफाई करना ही सच्ची सेवा और पूजा है।“सहभागिता और सराहनाइस उत्सव में आश्रम की सुपरवाइजर आशू कुमार, पुष्पा बर्मन, जूली और बंधन संस्था के नमन, बृज गोपाल, गुलशन, किशोर व ललित सक्रिय रहे। एस.पी. जैन प्रबंधन विद्यालय, मुंबई से आए विद्यार्थियों ने भी योगदान दिया। शिव मंदिर समिति से पूर्व पार्षद श्री आलोक मेहता ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छता के प्रति जिम्मेदार बनाएंगे।स्वच्छता के आयामउत्सव में वृक्षारोपण कर हरित संवर्धन को बढ़ावा दिया गया। जलकुंडों और नलों की सफाई के साथ जल संरक्षण का संदेश दिया गया। फूल-मालाओं के कम्पोस्ट गड्ढे से जैविक खाद बनाने की पहल हुई। व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षित सार्वजनिक शौचालयों पर विशेष बल दिया गया।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने शपथ ली कि वे प्लास्टिक कम करेंगे, कचरा नहीं फैलाएँगे और सप्ताह में एक घंटा सामुदायिक स्वच्छता को देंगे।

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