(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 23 मई।ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर एवं इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ. नरेश चौधरी मानवीय संवेदना का अनुकरणीय उदाहरण बनकर सामने आए।
श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र में एक सड़क हादसे में घायल दो व्यक्तियों की जान बचाने में उनकी तत्परता और सेवा भावना ने उन्हें क्षेत्र में “देवदूत” की संज्ञा दिलाई है।
जानकारी के अनुसार, डॉ. नरेश चौधरी जब ध्रुव अस्पताल श्यामपुर से अपने घर लौट रहे थे, तभी उन्होंने हाईवे पर एक व्यक्ति को बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़े देखा।
बिना देर किए उन्होंने अपना वाहन रोका और चिकित्सकीय परीक्षण किया। जांच में पाया गया कि व्यक्ति के सिर पर गंभीर आंतरिक चोटें हैं।
डॉ. चौधरी ने तत्काल निर्णय लेते हुए गंभीर रूप से घायल व्यक्ति बिजेंद्र पुत्र श्री सोमपाल (उम्र 48 वर्ष), निवासी टांडा साववाला, नजीबाबाद (बिजनौर) को और उसके साथ मामूली रूप से घायल सोनू पुत्र श्री मनोहर सिंह (उम्र 35 वर्ष) को अपने वाहन में बैठाकर जिला चिकित्सालय हरिद्वार के आकस्मिक कक्ष में भर्ती कराया।
प्राथमिक उपचार के बाद डॉ. चौधरी ने बिजेंद्र की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें AIIMS ऋषिकेश रेफर करवाया और उनके परिवार को सूचना देकर एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई। सोनू का भी प्राथमिक उपचार कर दोनों को एक साथ एम्स भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
घायल सोनू ने बताया कि वे दोनों मोटरसाइकिल से नजीबाबाद से हरिद्वार काम के लिए आ रहे थे, जब एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी और फरार हो गया।
डॉ. नरेश चौधरी की इस मानवीय सेवा की हर ओर प्रशंसा हो रही है। उनके इस साहसिक और करुणामयी कदम ने साबित कर दिया कि समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो मानवता की मिसाल हैं।
