(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार। “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत हरिद्वार में वित्तीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित
हरिद्वार में वित्तीय सेवा विभाग (DFS), भारत सरकार के निर्देशानुसार “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय वित्तीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यशाला होटल गार्डन व्यू में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में संपन्न हुई। डीएम मयूर दीक्षित ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया
और उपस्थित बैंक अधिकारियों, वित्तीय संस्थानों तथा ग्राहकों को संबोधित करते हुए निष्क्रिय खातों और अनक्लेम्ड राशियों के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आम जनता की पूंजी उनकी मेहनत का परिणाम है, इसलिए बैंकिंग प्रणाली का दायित्व है कि यह राशि सही व्यक्ति तक पहुँचे। उन्होंने सभी बैंक प्रतिनिधियों को निर्देशित किया
कि वे निष्क्रिय जमा खातों की पहचान कर संबंधित ग्राहकों या उनके उत्तराधिकारियों तक राशि पहुँचाने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय साक्षरता से ही आम जनता को अपने अधिकारों और बैंकिंग सेवाओं की सही जानकारी मिल सकेगी।
कार्यशाला में एलडीएम दिनेश गुप्ता और दिपेश राज, जीएम एसबीआई हरिद्वार ने बताया कि हरिद्वार उत्तराखंड का पहला जिला है जिसने इस अभियान के तहत शिविर आयोजित किया।
अब तक जिले में लगभग ₹76.31 करोड़ की अनक्लेम्ड राशि चिन्हित की गई है। आज आयोजित इस विशेष शिविर में 132 ग्राहकों को कुल ₹1.73 करोड़ की राशि उनके खातों में लौटाई गई, जो अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
कार्यक्रम में PNB, SBI, RBI, LIC, SEBI, NABARD सहित विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
साथ ही शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा और लगभग 200 ग्राहक भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर ग्राहकों को अपने पुराने खातों, बीमा दावों, और निष्क्रिय निवेशों को पुनः सक्रिय कराने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि इस तरह के शिविरों से न केवल जनता की वित्तीय समझ बढ़ती है,
बल्कि बैंकिंग व्यवस्था में विश्वास भी मजबूत होता है।
उन्होंने कहा कि यह पहल “वित्तीय समावेशन” की दिशा में एक बड़ा कदम है,
जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक आर्थिक अधिकार और सेवाएँ पहुँच सकेंगी।
इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” केवल एक नारा नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की वित्तीय सुरक्षा का प्रतीक है।




































